उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता दिल्ली लाई गई, एम्स में भर्ती


उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को आगे इलाज के लिए दिल्ली एम्स लाया गया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उसे एयरलिफ्ट कर लखनऊ से दिल्ली लाने का आदेश दिया था। इसके बाद शाम को ट्रामा सेंटर से एंबुलेंस के जरिए अमौसी एयरपोर्ट ले जाया गया। ट्रामा सेंटर से एयरपोर्ट तक 33 किमी की दूरी को ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। पीड़िता के साथ परिजन और सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ भी रहे। रात करीब 9.30 बजे पीड़िता दिल्ली एम्स पहुंची।

28 जुलाई को रायबरेली में कार और ट्रक की टक्कर में जख्मी लड़की और उसके वकील का इलाज केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में चल रहा था। दूसरी ओर, आरोपी कुलदीप सेंगर और उससे सहयोगी शशि सिंह की दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पेशी हुई।

सेशन जज धर्मेश शर्मा ने दोनों आरोपियों को तिहाड़ जेल में रखने का आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई बुधवार को होगी। शशि सिंह पर पीड़िता को नौकरी का झांसा देकर सेंगर के घर लेकर जाने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते पीड़िता से जुड़े सभी 5 केस दिल्ली कोर्ट में शिफ्ट कर दिए थे। साथ ही इनकी नियमित सुनवाई और 45 दिन इसे पूरा करने का आदेश भी दिया था।

केजीएमयू के डॉक्टरों के मुताबिक, हादसे के 8 दिन बाद पीड़िता की हालत में मामूली सुधार आया है। अब वह कमांड को फॉलो कर रही और आंख खोलकर बातों को समझ रही है। बुखार नहीं है, वेंटिलेटर से हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई। दूसरी ओर, वकील अभी डीप कोमा में है। कोर्ट ने कहा कि अगर वकील का परिवार भी उसे शिफ्ट कराना चाहता है तो जब चाहें कोर्ट से संपर्क कर सकते हैं।

सीबीआई टीम पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे की जांच कर रही है। दुष्कर्म के आरोप में सीतापुर जेल में बंद कुलदीप सेंगर और उसके 9 करीबियों के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश और आपराधिक साजिश रचने का नया केस दर्ज हुआ है। पिछले दिनों जांच एजेंसी के अधिकारी सेंगर से दूसरी बार पूछताछ करने के लिए सीतापुर जेल भी गए थे।

पीड़िता अपनी चाची, मौसी और वकील के साथ 28 जुलाई को कार से रायबरेली जेल में बंद चाचा से मिलने जा रही थी। इसी दौरान सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मारी थी। हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। चाची दुष्कर्म मामले में सीबीआई की गवाह थी।

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