उद्धव चुने गए ‘महा विकास अगाड़ी’ के नेता, बनेंगे मुख्यमंत्री


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार के इस्तीफे के बाद अब एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना गठबंधन को सत्ता का रास्ता दिख रहा है। इसके लिए होटल ट्राइडेंट में चल रही बैठक में तीनों पार्टियों के गठबंधन के लिए ‘महा विकास अगाड़ी’ बनाने का प्रस्ताव पास हुआ। साथ ही उद्धव को गठबंधन का नेता चुना गया। एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि हम सब चाहते हैं कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनें। उन्होंने उद्धव के नाम का प्रस्ताव सामने रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो जिम्मेदारी आप लोगों ने दी है, उसे मैं स्वीकार करता हूं। मैं सिर्फ अकेला ही नहीं, आप लोग भी मेरे साथ मुख्यमंत्री हैं। जो आज हुआ वह असली लोकतंत्र है। हम मिलकर किसानों के आंसू पोछेंगे। हम महाराष्ट्र को एक बार फिर छत्रपति शिवाजी महाराज के सपनों का महाराष्ट्र बनाएंगे।

उन्होंने कहा कि मैं देवेंद्र फडणवीस के सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हूं। मैं किसी चीज से डरता नहीं हूं। झूठ हिंदुत्व का हिस्सा नहीं है। जब जरूरत थी, आपने हमें गले लगाया, जब नहीं थी तो छोड़ दिया। आपने हमें दूर रखने का प्रयास किया।

इससे पहले तीनों दलों के सभी विधायक भी अपने होटलों से बसों के जरिए ट्राइडेंट पहुंचे। कहा जा रहा था कि अजित पवार भी यहां आ सकते हैं। लेकिन एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटिल ने कहा कि अजित बैठक में नहीं आएंगे। बता दें कि प्रोटेम स्पीकर भाजपा के कालिदास कोलंबकर चुने गए हैं, उन्होंने बुधवार को विधानसभा का पहला सत्र बुलाया है।

महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच विपक्षी दलों (शिवसेना, एनसीपी-कांग्रेस) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (27 नवंबर) को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा था कि तुरंत प्रोटेम स्पीकर नियुक्त कर कल शाम 5 बजे तक विधायकों का शपथ ग्रहण करा लिया जाए। इसके बाद गुप्त मतदान के बिना, खुले मतदान (ओपन बैलेट) के जरिए फ्लोर टेस्ट कराएं। विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण भी हो। इस फैसले के बाद ही देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने इस्तीफा दे दिया था।

फडणवीस ने इस्तीफे के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया और जब बुधवार को बहुमत साबित होना है, तब अजित पवार ने हमसे मुलाकात की और कहा कि कुछ कारणों से वे इस गठबंधन में नहीं रह सकते। उन्होंने अपना इस्तीफा मुझे सौंपा। उनका इस्तीफा आने के बाद हमारे पास भी बहुमत नहीं है। भाजपा ने पहले दिन से एक भूमिका ली थी कि हम किसी विधायक को नहीं तोड़ेंगे। हम हॉर्स ट्रेंडिंग नहीं करेंगे। इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं। शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार अपने ही बोझ तले दब जाएगी। शिवसेना के नेता सोनिया गांधी के नाम की कसम खा रहे थे। हमें आश्चर्य हुआ कि सत्ता के लिए वे कितने लाचार हैं। जिन्होंने हम पर हॉर्स ट्रेंडिंग का आरोप लगाया, वे तो पूरा अस्तबल खरीदकर बैठे हैं।

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