उत्तर रेलवे ने 5000 टन भार वाली अन्नपूर्णा मालगाड़ियां चलाईं

नई दिल्ली, -कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान रेलवे देश में आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में लगी हुई है। इसके लिए उत्तर रेलवे दिन-रात प्रयास कर मालगाड़ियों के जरिये वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है।

इस बीच केंद्र सरकार भी यह सुनिश्चित करने में लगी है कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति रखने के साथ-साथ कृषि उपज को भी विभिन्न राज्यों तक बिना किसी बाधा के पहुंचाया जाए।

इस बढ़ती हुई जरूरतों और मांग के मद्देनजर उत्तर रेलवे ने 5000 टन खाद्यान्न भार वाली लंबी दूरी की अन्नपूर्णा मालगाड़ियां चलाई हैं। ऐसी 25 अन्नपूर्णा मालगाड़ियां उत्तर रेलवे द्वारा देश के विभिन्न भागों के लिए चलाई जा रही हैं।

उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार के मुताबिक, लॉकडाउन अवधि के दौरान उत्तर रेलवे ने अकेले 53 प्रतिशत खाद्यान्न का लदान किया है। उन्होंने बताया कि उत्तर रेलवे ने एक दिन में रिकॉर्ड 51 रैक का लदान किया, जो अब तक का एक दिन का सर्वाधिक लदान है।

जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि अब तक 15.75 लाख टन, खाद्यान्न भेजा गया है, जो कि पिछले वर्ष से 137 प्रतिशत अधिक है।
रेलवे के अनुसार, पूरे देश में अधिक मांग होने की वजह से उत्तर रेलवे पर लदान का औसत 15 रैक प्रतिदिन से बढ़कर 51 रैक प्रतिदिन हो गया है।

रेलवे ने कहा कि अभी श्रमिकों और ट्रकों की भारी कमी है। इसके बावजूद टर्मिनलों पर माल का लदान करना और उतारना सुनिश्चित करने के लिए उत्तर रेलवे कड़ी मेहनत कर रही है। इसी वजह से 9 अप्रैल को अब तक एक दिन का सर्वाधिक 51 रैक का खाद्यान्न लदान अर्जित किया गया, जो एक रिकॉर्ड है।

उत्तर रेलवे ने बताया कि राज्यों को खाद्यान्न की आपूर्ति करने में यह जोन सबसे आगे है। लॉकडाउन अवधि के दौरान कुल खाद्यान्न लदान का लगभग 53 प्रतिशत अकेले उत्तर रेलवे द्वारा किया गया है।

उत्तर रेलवे ने खाद्यान्न के 573 रैकों (15.7 लाख टन) का लदान किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 135 प्रतिशत ज्यादा

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