ई-नाम नई सुविधाओं से लैस, किसानों को मंडी जाने की जरूरत नहीं होगी

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) को तीन नई सुविधाओं से लैस करते हुए गुरुवार को कहा कि इन सुविधाओं के बाद किसानों और व्यापारियों को मंडियों का चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी।

ई-नाम को प्रभावी बनाते हुए इस पर किसानों ऐसी सुविधा दी गई है कि वे अब थोक मंडियों न जाकर सीधे भंडारों व वेयरहाउस से उसे बेच पाएंगे। तोमर ने कहा कि कोरोनावायरस के संक्रमण के खतरे से बचने के लिहाज से यह सुविधा काफी अहम है।

इसके अलावा किसान उत्पादक संगठन यानी एफपीओ को अब अपने संग्रह से उत्पाद को लाए बिना व्यापार करने की सुविधा होगी। साथ ही, लॉजिस्टिक मॉड्यूल के नए संस्करण जारी किए गए हैं, जिससे देशभर में 3.75 लाख ट्रक जुड़ सकेंगे।

तोमर ने ई-नाम पर तीन सॉफ्टवेयर मॉड्यूल लांच किए, जिनमें ई-नाम पर गोदामों से व्यापार की सुविधा के लिए वेयरहाउस आधारित ट्रेडिंग मॉड्यूल, एफपीओ का ट्रेडिंग मॉड्यूल, जहां एफपीओ अपने संग्रह से उत्पाद को लाए बिना व्यापार कर सकते हैं और अंतर-मंडी तथा अंतर्राज्यीय व्यापार की सुविधा के साथ लॉजिस्टिक मॉड्यूल का नया संस्करण शामिल हैं।

तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में ई-नाम पोर्टल 14 अप्रैल 2016 को प्रारंभ किया गया था, जिसे अब काफी अपडेट कर सुविधाजनक बनाया गया है। इससे 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 585 मंडियों पहले ही जुड़ चुकी हैं।

इसके अतिरिक्त 415 मंडियों को भी ई-नाम से जल्द ही जोड़ा जाएगा, जिससे इस पोर्टल पर मंडियों की कुल संख्या एक हजार हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ई-नाम पर इन सुविधाओं के कारण किसानों, व्यापारियों व अन्य को मंडियों का चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि इस समय कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए कामकाज करने में भी यह मददगार साबित होगा।

उन्होंने कहा कि ये नई सुविधाएं कोविड- 19 के खिलाफ हमारी लड़ाई की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, ताकि इस समय किसानों को अपने खेतों के पास ही बेहतर कीमतों पर अपनी उपज बेचने में मदद की जा सके।

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