ईवीएम छेड़छाड़ के खिलाफ विपक्ष एकजुट, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी

नई दिल्ली। पहले चरण की वोटिंग के बाद विपक्षी दलों ने ईवीएम का मुद्दा एकबार फिर से गर्मा दिया है। कई बड़े विपक्षी दलों की दिल्ली में आज हुई बैठक में ईवीएम पर सवाल उठाए गए।

विपक्षी दलों के नेताओं ने रविवार को कहा कि वे ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की गड़बड़ी और इनसे छेड़छाड़’ के मुद्दे को सर्वोच्च न्यायालय में उठाएंगे। यहां 21 राजनैतिक दलों के नेताओं ने मीडिया से कहा कि निर्वाचन आयोग ने मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया है और देश तथा इसके लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री व तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि लोगों में विश्वास को फिर से बहाल करने के लिए वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) अपरिहार्य है। उन्होंने कहा, “मतदाताओं के विश्वास को पेपर ट्रेल के जरिए ही हासिल किया जा सकता है। वीवीपैट, मतदान प्रणाली की शुद्धता को सुनिश्चित करता है।”

नायडू ने कहा कि तेलंगाना में 25 लाख मतदाताओं के नाम काट दिए गए, जिसे बाद में निर्वाचन आयोग ने भी माना। नायडू ने कहा, “उन्होंने इसे स्वीकार किया और सॉरी कह दिया। क्या इसके लिए इतना ही कह देना काफी है?” कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में 50 फीसदी ईवीएम की वीवीपैट से मिलान की मांग की जाएगी।

उन्होंने कहा, “वास्तविक प्रमाणन के बिना ही लाखों मतदाताओं के नाम ऑनलाइन काट दिए गए। दलों ने निर्वाचन आयोग को लंबी सूची दी है। अब तो और भी जरूरी हो गया है कि वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों का मिलान किया जाए। आयोग निष्पक्षता की हमारी मांग पर ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे में हमारे पास सर्वोच्च न्यायालय की शरण लेने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचता।”

‘संविधान बचाओ’ के नारे के तहत आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल शामिल हुए। सिंघवी ने कहा, ‘पहले चरण के चुनाव के बाद ईवीएम पर सवाल उठे हैं, हमें नहीं लगता कि चुनाव आयोग इसपर पर्याप्त ध्यान दे रहा है। अगर आप X पार्टी को वोट देते हैं तो वोट Y पार्टी को जाता है। वीवीपैट में भी पर्ची 7 सेकंड की जगह केवल 3 सेकंड दिखती है।’

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केवल एक पार्टी वीवीपैट पर्चियों की गिनती के खिलाफ है, क्योंकि ईवीएम की गड़बड़ी से उसे सीधे सीधे लाभ पहुंच रहा है। इस मौके पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, समाजवादी पार्टी तथा वामपंथी दलों के नेता भी मौजूद थे।

मालूम हो कि इससे पहले शनिवार को अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ चुनाव आयोग पहुंचे नायडू ने राज्य के करीब 150 पोलिंग स्टेशनों पर पुनर्मतदान की अपील की थी। उनका आरोप था कि इन पोलिंग बूथों पर ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी थी। चुनाव आयोग पर सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए नायडू ने कहा था, ‘चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, लेकिन यह काम प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के इशारे पर कर रही है।’ ईवीएम में कथित गड़बड़ी पर उन्होंने कहा था, ‘यह बेहद चिंताजनक है और देश के लिए आपदा की तरह है।’

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