ईदई चक्रवात: मृतकों की संख्या बढ़कर 732 हुई, अब महामारी का खतरा

बीरा (मोजाम्बिक), 24 मार्च। मोजाम्बिक में पिछले हफ्ते आए चक्रवात से अब तक 723 लोगों की मौत हो चुकी हैं। इस प्राकृतिक आपदा में अभी भी हजारों लोग अपने घरों की छतों पर अब भी मदद का इंतजार कर रहे हैं।

मालूम हो कि  चक्रवात ईदई ने पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका में 15 मार्च को 170 किमी प्रति घंटे की रफतार की हवाओं के साथ बीरा के मोजाम्बिक बंदरगाह से टकराकर जिम्बाब्वे और मलावी में बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति पहुंचाई थी। इस  चक्रवात की चपेट में आने से मोजाम्बिक में मरने वालें लोगों की संख्या 242 से बढ़कर 417 हो गई।

भूमि और पर्यावरण मंत्री सेलो कोर्रेया ने कहा फिहाल स्थिती पर काबू किया जा रहा है लेकिन हालात अभी भी चिंताजनक ही बने हुए हैं।

चक्रवात की चपेट में आने से जिम्बाब्वे में 259 लोगों की मौत हो चुकी है। चक्रवात के चलते माल्विया में हुई भारी बारिश से 56 लोगों मारे गए हैं। इन सभी शहरों में राहत कार्य जारी है। मलबे के नीचे से लोगों को निकाला जा रहा है। सरकार और राहत एजेंसियों द्वारा पीड़ितों की मदद के साथ उन्हें खाना और पीने के पानी मुहैया करवाया जा रहा है।

Photo Credit: Gettyimages

बीरा शहर के स्कूल में बने अस्थायी आश्रय में रह रही चार साल की बच्ची की मां ने कहा कि हमारा सारा खाना भीग गया था हमें समझ नहीं आ रहा था कि कहा जाए। इस आपदा में हमसे हमारा घर छीन गया।

आपदा के उस मंजर को याद करते हुए 18 साल की लड़की ने कहा कि जब यह सब शुरू हुआ, तो लोग चिल्लाने लगे, तूफान में घर की छत उड़ गई और दीवारें ढहने लगी।

“कुछ लोगों ने भागने की कोशिश की, कुछ लोगों ने घर पर रहने की कोशिश की।”मोजाम्बिक मंत्री ने कहा कि लगभग 1,500 लोगों को छतों और पेड़ों से तत्काल बचाव की आवश्यकता है। हेलीकॉप्टर और नावें लोगों की सुरक्षा के लिए ले जाई जा रही हैं।

मोजाम्बिक  में राहत अभियान में शामिल भारतीय नौसेना ने भी 192 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बचाया और अपने चिकित्सकीय शिविरों में अब तक 1,381 लोगों को सहायता पहुंचा चुकी है।

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यालय ने चेतावनी दी है कि अभी खतरा पूरी तरह से टला नहीं है और अधिक बाढ़ आने की संभावना है। भारी बारिश के चलते बीरा में बने डैम में काफी पानी भर रहा है जिससे उनके टूटने की स्थिति बनी हुई है। भारी बारिश और बाढ़ के चलते शहर में कुछ हैजा के मामले भी सामने आए है। आपदा में बचे लोग अपने भविष्य को लेकर चिंता कर रहे हैं। जबकि कई लोग नुकसान के शोक में है।

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