पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सऊदी अरब के विदेश मंत्री और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के संस्कृति, युवा एव विकास मंत्री से अपनी मुलाकात के दौरान कश्मीर और भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) व नेशनल रजिस्टर आफ सिटिजन्स (एनआरसी) का मुद्दा उठाया। हालांकि, इस पर इन दोनों देशों के मंत्रियों ने कोई प्रतिक्रिया दी भी या नहीं, इस बारे में पाकिस्तान के आधिकारिक बयान में कुछ नहीं कहा गया है। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब के विदेश मंत्री राजकुमार फैसल बिन फरहान अल सऊद और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के संस्कृति, युवा एव विकास मंत्री शेख नहयान बिन मुबारक अल नहयान ने पाकिस्तान दौरे के दौरान प्रधानमंत्री इमरान खान, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और अन्य नेताओं से मुलाकात की हैं।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इमरान ने सऊदी विदेश मंत्री से कहा कि ‘भारत में मुसलमान मोदी सरकार द्वारा बुरी तरह से प्रताड़ित किए जा रहे हैं।’ उन्होंने एनआरसी और सीएए पर विस्तार से अपनी बात रखी और कहा कि ‘भेदभावपूर्ण कानून के जरिए भारत सरकार अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों को हाशिये पर ढकेल रही है और उन्हें बहुत सुनियोजित तरीके से नागरिकता से वंचित करने का प्रयास कर रही है।’ इमरान ने कश्मीर का मामला भी बातचीत में उठाया और वहां के हालात को ‘बदतर’ करार दिया। जम्मू-कश्मीर विवाद के संबंध में आर्गनाइजेशन आफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) की भूमिका को बढ़ाने पर भी बात की गई।
इसके साथ ही इमरान ने नियंत्रण रेखा पर भारत द्वारा संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया। मुलाकात के दौरान पाकिस्तान और सऊदी अरब के द्विपक्षीय संबंधों पर भी बातचीत की गई। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से भी मुलाकात की। कुरैशी ने भी भारत के सीएए और एनआरसी का मुद्दा उठाया और इन्हें भारतीय मुसलमानों के लिए घातक करार दिया। लेकिन, मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बाद विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में इस बारे में कुछ भी नहीं बताया गया कि भारतीय सीएए और एनआरसी को लेकर सऊदी विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया क्या रही। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान के दौरे पर आए यूएई के संस्कृति, युवा एव विकास मंत्री शेख नहयान बिन मुबारक अल नहयान से मुलाकात के दौरान भी सीएए और एनआरसी का मुद्दा उठाया।