इजरायल पर हमला ईरान को पड़ा महंगा, US- ब्रिटेन ने ड्रोन कंपनियों पर नए प्रतिबंध लगाए

अमेरिका और ब्रिटेन ने गुरुवार को ईरान पर ताजा प्रतिबंध लगाए हैं. बहरहाल यह चिंता बढ़ गई है कि तेहरान का इजरायल पर अभूतपूर्व हमला मध्य पूर्व में एक बड़ी जंग को भड़का सकता है. अमेरिकी वित्त विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण ऑफिस ने ईरान में 16 लोगों और दो संस्थाओं को निशाना बनाया है. ये कंपनियां 13 अप्रैल को इजरायल पर हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन के इंजन को बनाती हैं. अमेरिका ने इस्पात उत्पादन में शामिल पांच कंपनियों और ईरानी वाहन निर्माता बहमन समूह की तीन सहायक कंपनियों पर भी प्रतिबंध को मंजूरी दी है. जिन पर ईरान की सेना और अन्य समूहों को साजो-सामान से समर्थन देने का आरोप है.

बहमन कंपनी का कोई प्रतिनिधि टिप्पणी के लिए तुरंत उपलब्ध नहीं था. इसके अलावा ब्रिटेन भी ईरान के ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल उद्योगों में शामिल कई ईरानी सैन्य संगठनों, व्यक्तियों और संस्थाओं को निशाना बना रहा है. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बयान में कहा कि उन्होंने अमेरिकी ट्रेजरी विभाग को ईरान के सैन्य उद्योगों को और कमजोर करने वाले प्रतिबंध लगाना जारी रखने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि ‘ईरान के हमलों को सक्षम या समर्थन करने वाले सभी लोगों के लिए यह साफ हो जाए कि हम आपको जवाबदेह ठहराने के लिए सभी जरूरी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे.’

वित्त विभाग के प्रतिबंधों के अलावा अमेरिकी वाणिज्य विभाग बुनियादी वाणिज्यिक ग्रेड के माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों तक ईरान की पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए नए नियंत्रण लगा रहा है. ये प्रतिबंध अमेरिका के बाहर बनने वाली उन वस्तुओं पर लागू होते हैं, जो अमेरिकी तकनीक का उपयोग करके बनाई गई होती हैं. यह कार्रवाई अमेरिकी अधिकारियों के इस हफ्ते की शुरुआत में चेतावनी दिए जाने के बाद की गई है कि वे इलाके में ईरान की गतिविधि के जवाब में और भविष्य के हमलों को रोकने के लिए नए प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं.

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