आर्थिक विकास के लिए ढांचागत उपायों की जरूरत : वित्तमंत्री


वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राजकोषीय, मौद्रिक और संरचनात्मक उपायों को शामिल कर नियोजित व संतुलित दृष्टिकोण को अपनाने से विभिन्न देश अपनी आर्थिक विकास की संभावनाओं को प्राप्त कर सकते हैं।

सीतारमण ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से पूंजी प्रवाह के लिए कमजोर अर्थव्यवस्थाओं की संवेदनशीलता का आकलन करने के लिए नीतिगत रूपरेखा तैयार करने की मांग की।
वैश्विक आर्थिक जोखिम और असंतुलन ने सरकारी पहलों के अलावा बहुपक्षीय स्तर पर वैश्विक सहयोग को मजबूत बनाने की जरूरत पर जोर दिया है।

उन्होंने अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक वार्षिक बैठक 2019 में शनिवार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और वित्तीय समिति (आईएमएफसी) के पूर्ण सत्र के दौरान यह बात कही।

वित्तमंत्री ने कहा, “विभिन्न देशों द्वारा राजकोषीय, मौद्रिक और संरचनात्मक उपायों को लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक कार्यनीति और संतुलित ²ष्टिकोण अपनाने से उनको अपनी विकास क्षमता को प्राप्त करने में मदद कर मिल सकती है।”

आईएमएफ के कोटा की सामान्य समीक्षा के 15वें दौर (15वीं जीआरक्यू) की कोटे में बढ़ोतरी के बिना ही समाप्त होने की संभावना है। वित्तमंत्री ने कहा कि 16वें दौर पर सही तरीके और उचित समय सीमा में काम शुरू होना चाहिए।

वित्तमंत्री के इस आधिकारिक दौरे के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास, आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती और अन्य अधिकारी भी उनके साथ थे।

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