आर्थिक मंदी का पर्यटन पर कोई प्रभाव नहीं


आर्थिक मंदी से बिना प्रभावित हुए पर्यटन उद्योग भारत में सबसे तेजी से बढ़ रहे सेक्टरों में शामिल है और यह देश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

पर्यटन उद्योग में वृद्धि के लिए सहायक विभिन्न तथ्यों में ई-वीजा जैसे सरकार के विभिन्न कार्यक्रम शामिल हैं। ई-वीजा से विदेशी पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं।

इन कदमों से भारत एक आदर्श पर्यटन स्थल बन गया है और इससे पर्यटन और हॉस्पिटेलिटी के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं।

पर्यटन मंत्रालय की महानिदेशक मीनाक्षी शर्मा ने कहा, “पर्यटकों का स्वागत करने के लिए इस सबसे बड़े उदारीकरण की शुरुआत वीजा सिस्टम को सरल बनाकर की गई। आर्थिक विकास को गति देने के उद्देश्य से पर्यटन, मेडिकल वेल्यू ट्रैवल, व्यापार के मामले में यात्रा की जैसी सेवाओं के निर्यात से बढ़ रही आमदनी के कारण भारत प्रत्यक्ष विदेशी और पोर्टफोलियो निवेश को भारत आकर्षित कर रहा है। केंद्र सरकार ने वीजा सिस्टम का उदारीकरण, सरलीकरण और युक्तीकरण करने के लिए कई कदम उठाए हैं।”

इन कदमों में ई-वीजा योजना, पर्यटन, व्यापार, मेडिकल और रोजगार वीजा का उदारीकरण भी शामिल है। इस दौरान सरकार ने अंतरिम वीजा और फिल्म वीजा जैसी नई श्रेणियां भी पेश की हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार के इन कदमों के परिणाम पहले से ही दिखने लगे हैं और भारत में आने वाले पर्यटकों की संख्या पूरी दुनिया से ज्यादा है।

साल 2018 में भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 1.055 करोड़ रही, जो 2017 की तुलना में 5.2 फीसदी ज्यादा थी।

वहीं इस वर्ष जनवरी से जून तक छह महीनों में ई-टूरिस्ट वीजा पर 15,34,293 पर्यटक भारत आए, वहीं पिछले साल इस दौरान 12,68,077 पर्यटक आए थे।

भारत ने अपने पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जबरदस्त प्रयास किए हैं। पिछले चार सालों में भारत ने अपनी पर्यटन क्षमताओं की ब्रांडिंग, एडवरटाइजिंग और सेलिंग को बढ़ावा देने की रणनीति लागू की है।

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