आरबीआई: अब नेत्रहीन भी पहचान लेंगे नकली नोट


नेत्रहीनों को अब केंद्रीय बैंक आरबीआई की ओर से खास सुविधा दे रहा है। जी हां दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान करने में मदद की योजना की दिशा में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक और कदम उठाया है। बता दें केंद्रीय बैंक ने मोबाइल एप बनाने के लिए कंपनी का चयन किया है। रिजर्व बैंक ने छह सितंबर को बिलासपुर उच्च न्यायालय को बताया था कि इस प्रस्तावित मोबाइल एप के लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं होगी।

भारतीय रिजर्व बैंक के दस्तावेज में कहा गया है कि मोबाइल आधारित एप्स विकसित करने के लिए 16 निर्माताओं (वेंडर) ने दिलचस्पी दिखाई थी और अंतिम रैंकिंग में पांच कंपनियां की बची थीं। कहा गया है कि उपकरण बनाने के लिए डैफोडिल सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड को चुना गया है। वर्तमान में 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2,000 रुपये के बैंक नोट चलन में हैं। दृष्टिबाधित लोगों के लिए स्वास्थ्य आधारित लेनदेन को सफल बनाने के लिए बैंक नोट की पहचान जरूरी है।

आपको बता दें कि नोट को पहचानने में उनकी मदद के लिए पहचान इंटाग्लियो प्रिंटिंग आधारित पहचान चिह्न दिए गए हैं। यह 100 रुपए और उसके ऊपर के नोट में हैं। यह महात्मा गांधी श्रृंखला और महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के नोटों की पहचान करने में सक्षम होगा। इसके लिए व्यक्ति को नोट को फोन के कैमरे के सामने रखकर उसकी तस्वीर खींचनी होगी।

बता दें कि यदि नोट की तस्वीर सही से ली गई होगी तो उपकरण आडियो नोटिफिकेशन के जरिये दृष्टिबाधित व्यक्ति को नोट के मूल्य के बारे में बताएंगे। अगर तस्वीर ठीक से नहीं ली गई या फिर नोट को रीड करने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है तो एप फिर से कोशिश करने की सूचना देंगे। देश में दृष्टिबाधितों की संख्या लगभग 80 लाख है। आरबीआई की इस पहल से उन्हें लाभ होगा।

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