‘आजादी मार्च’ इस्लामाबाद पहुंचा


पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार के खिलाफ विपक्ष आजादी मार्च निकाल रहा है। इसकी अगुवाई मौलाना फजलुर रहमान कर रहे हैं जो जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के अध्यक्ष हैं। विपक्षी पार्टियों का यह कारवां इस्लामाबाद पहुंच गया है और वह शुक्रवार की प्रार्थना के बाद एक रैली करेगा। इस मार्च की शुरुआत कराची के सोहराब गोथ से 27 अक्तबूर को हुई थी।

इस मार्च में कई विपक्षी पार्टियां हिस्सा ले रही हैं जिसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और अवामी नेशनल पार्टी शामिल हैं। जेयूआई-एफ के नेता और रहमान के प्रवक्ता अकरम खान दुर्रानी ने इस बात की पुष्टि की है कि सरकार विरोधी प्रदर्शन के तहत पहले से नियोजित रैली शुक्रवार को होगी। इससे पहले दुर्रानी ने बताया था कि पूरे देश की यात्रा करने वाला आजादी मार्च रात को राजधानी में रुकेगा।

इस प्रदर्शन से इमरान की सत्ता हिलती नजर आई। क्योंकि सरकार ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सेना को तैनात किया। वहीं सेना ने हाईवे पर शिपिंग कंटेनर बिछा दिए, ताकि प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद न पहुंच पाएं। लोगों का मानना है कि एक साल पहले बनी सरकार के खिलाफ इतना बड़ा आंदोलन अप्रत्याशित है।

सरकार विरोधी यह रैली पहले गुरुवार को होने वाली थी लेकिन लाहौर रेल त्रासदी की वजह से इसे एक दिन के लिए रोक दिया गया। इस त्रासदी में कम से कम 74 लोगों की मौत हुई है। दक्षिणपंथी जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने इमरान पर 2018 के आम चुनावों में ‘धांधली’ करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग की है। रहमान ने इमरान खान पर आर्थिक कुप्रबंधन, अकुशल एवं खराब शासन के चलते आम लोगों की जिंदगी की कठिनाइयों को बढ़ाने का भी आरोप लगाया है।

जेयूआई-एफ के वरिष्ठ नेता दुर्रानी ने कहा कि इस्लामाबाद की रैली अब शुक्रवार की नमाज के बाद शुरू होगी और विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता इसे संबोधित करेंगे। पीएमएल-एन के नेता अहसान इकबाल ने कहा कि विपक्षी दलों ने दुखद रेल अग्निकांड के मद्देनजर इस्लामाबाद रैली को स्थगित करने का फैसला किया है। खान और उनकी पार्टी ने उनके इस्तीफे की मांग को खारिज कर दिया है, लेकिन चुनाव व्यवस्था या प्रशासन में सुधार की मांगों पर विचार करने को तैयार है।

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