हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा में भी असम की तरह नेशनल रजिस्टर सिटिजन्स (NRC) लागू करने की बात कही है. उन्होंने पंचकुला में एक बयान में कहा, हरियाणा में NRC लागू करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में कानून आयोग के गठन करने पर भी विचार किया जा रहा है.
हरियाणा में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने रविवार को अपनी सरकार के पिछले पांच सालों के कामों की जानकारी देने के लिए चलाए जा रहे महाजनसंपर्क अभियान के दौरान ये बात कही.
क्या है NRC?
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) वैध निवासियों का एक रिकॉर्ड है और अवैध निवासियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर किया जाना है. असम में एनआरसी की फाइनल लिस्ट 31 अगस्त को आई थी, जिसमें 19,06,657 लोगों के नाम नहीं है. लिस्ट में कुल 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है.
ये कहा जा रहा है कि NRC सूची में शामिल नहीं होने वाले लाखों लोगों को विदेशी घोषित किया जाएगा और फिर उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा. 2 सितंबर को गृह मंत्रालय ने कहा कि असम में अंतिम NRC सूची से बाहर रहने वालों को किसी भी परिस्थिति में हिरासत में नहीं लिया जाएगा, जब तक कि उनके लिए कानून के तहत उपलब्ध सभी उपाय खत्म नहीं हो जाते.
एनआरसी की फाइनल लिस्ट में जिन लोगों के नाम नहीं है वो 120 दिनों के भीतर फॉरनर्स ट्रिब्यूनल में दावा कर सकेंगे. इसके बाद भी उनके सामने हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खुला रहेगा. हालांकि बीजेपी के नेताओं ने NRC की प्रक्रिया पर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि बड़ी तादाद में यहां के लोगों के नाम इसमें नहीं हैं.