अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन की कोई रुचि नहीं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जीतने की प्रबल इच्छा रखते हैं। उन्होंने औपचारिक रूप से रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए नामांकन भरा और रिपब्लिकन नेशनल कांग्रेस में भाषण दिया।

70 मिनट तक चले इस भाषण में ट्रंप ने न सिर्फ डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार जोसेफ बिडेन पर जबरदस्त जुबानी हमला किया, बल्कि 15 बार चीन की चर्चा की और लगातार चीन को दोषी ठहराया।

जब ट्रंप व्हाइट हाउस में आत्म-प्रशंसा कर रहे हैं, तब व्हाइट हाउस के बाहर बिलकुल अलग नजारा दिखाई दे रहा है।

नस्लवाद विरोधी प्रदर्शनकारी अस्थाई रूप से लगाए गए कंटीले तार की दूसरी ओर विरोध कर रहे थे। कुछ दिन पहले अमेरिकी पुलिस ने फिर एक बार अश्वेत व्यक्ति की गोली मार कर हत्या कर दी, जिससे प्रदर्शन और उपद्रव निरंतर हो रहे हैं।

27 अगस्त तक अमेरिका में कोविड-19 महामारी से मरने वालों की संख्या 1.8 लाख से अधिक हो गई है। अमेरिकी मीडिया की नजर में चाहे ट्रंप के भाषण के विषय हो, या व्हाइट हाउस में मास्क न पहनने वाले उपस्थित लोगों की भीड़ हो, सदैव यह जताना चाहती है कि अमेरिका ने महामारी पर विजय पा लिया है।

इसकी चर्चा में एजेंस फ्रांस-प्रेसे ने कहा कि ट्रंप ने उपद्रवियों को चेतावनी दी, लेकिन वर्तमान में गड़बड़ी की स्थिति पिछले दशकों में कभी नहीं हुई थी।

ट्रंप ने अपने भाषण में फिर एक बार महामारी की रोकथाम में विफल होने की जिम्मेदारी चीन पर थोपी।

उन्होंने 15 बार चीन की चर्चा की और दो बार कोरोना वायरस को चीनी वायरस करार दिया। सीएनएन ने कहा कि चीन पर हमला करना हमेशा से रिपब्लिकन नेशनल कांग्रेस का एक मुख्य विषय रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पेओ ने इस हफ्ते भी चीन पर हमला किया।

हम कहना चाहते हैं कि अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव अमेरिका का अंदरूनी मामला है। चीन इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। इसके साथ चीन अमेरिका से आग्रह करता है कि आम चुनाव की आड़ में चीन के बारे में बकवास करना बंद करो।

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