अमेरिका में हिरण और अन्य जानवरों में फैल रहा कोविड

वैज्ञानिकों ने पाया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में सफेद पूंछ वाले हिरणों और अन्य जंगली जानवरों के बीच किसी भी अन्य वायरस की तरह सार्स-सीओवी-2 फैलता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि लोग तो संक्रमित होते ही हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वायरस इन जानवरों के बीच नहीं फैल सकता। शोधकर्ता भविष्य में महामारियों के जोखिम को लेकर चिंतित हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें कोई संदेह नहीं कि सार्स-सीओवी-2 वायरस जो चल रही महामारी का कारण बना, एक जानवर चमगादड़ से ही आया। वैज्ञानिकों का मानना है कि पहले कोई जानवर चमगादड़ में मौजूद वायरस से संक्रमित हुआ और फिर उस जानवर के संपर्क में आए लोग संक्रमित होने लगे।

यह भी स्पष्ट है कि संक्रमित लोग जानवरों को भी संक्रमित कर सकते हैं। पालतू जानवर जैसे बिल्लियां, चिड़ियाघर के जानवर जैसे गोरिल्ला, हिम तेंदुए और खेतों में पाए जाने वाले ऊदबिलाव भी संक्रमित हो सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें ऊदबिलाव के संक्रमित होने का सबूत मिलने पर इस प्रजाति के जानवरों को मार दिया गया है।

वन्यजीव-विज्ञानियों का ध्यान अब सफेद पूंछ वाले हिरण की ओर गया है। कोई आश्चर्य की बात नहीं कि खेतों में देखे जाने वाले हिरण में भी वायरस पाया जा सकता है।

पेन्सिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में एनिमल डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी के डॉ. सुरेश कुचिपुड़ी ने 2020 के सितंबर और 2021 के जनवरी के बीच आयोवा में जिन हिरणों का परीक्षण किया, उनमें संक्रमण के सबूत दिखाई दिए थे। उन्होंने कहा, सीवेज को भी वायरस फैलाने वाला माना गया है, इसलिए प्रदूषित पानी वायरस का एक स्रोत हो सकता है।

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