अफगान समझौता हस्ताक्षर समारोह में न्योता पाकिस्तान के प्रयासों की मान्यता : कुरैशी


तालिबान और अमेरिका के बीच संभावित शांति समझौते के हस्ताक्षर के अवसर पर होने वाले समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान को भी न्योता भेजा गया है। संभावना है कि इस समझौते पर शनिवार को कतर की राजधानी दोहा में हस्ताक्षर होंगे। समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी दोहा पहुंच चुके हैं। कुरैशी ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि अमेरिका और तालिबान के बीच होने वाले शांति समझौते के अवसर पर होने वाले समारोह के लिए न्योता मिलना पाकिस्तान के लिए एक बड़े सम्मान की बात है और यह अफगानिस्तान में शांति के लिए पाकिस्तान की कोशिशों को दी गई मान्यता भी है।

कुरैशी ने कहा कि पचास देशों के विदेश मंत्री और प्रतिनिधि इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनने जा रहे हैं जिसे पूरी दुनिया की मीडिया कवर करेगी। उन्होंने कहा, “दुनिया अफगानिस्तान में शांति के लिए पाकिस्तान की भूमिका को सराह रही है।”

कुरैशी इस मौके पर भी भारत के विरोध से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि यहां पहुंचे अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि भारत की राजधानी दिल्ली में हो रही सांप्रदायिक हिंसा की चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश नाकाम हो चुकी है। भारत ने पाकिस्तान को एफएटीएफ की काली सूची में डलवाने का प्रयास किया जो असफल रहा।

कुरैशी ने यहां तक आरोप लगा दिया कि भारत ने अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में बाधाएं उत्पन्न करने की कोशिश की लेकिन इसके बावजूद अगर यह समझौता हो जाता है तो यह (पाकिस्तान के लिए) बड़ी सफलता होगी।

तालिबान और अमेरिका के बीच अगर शनिवार को यह समझौता हो जाता है तो इसके तहत अमेरिका की फौजें अफगानिस्तान से वापस लौटेंगी और इसके बदले में तालिबान अपने देश की जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं होने देंगे।

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *