अप्रैल से स्कूलों का नया सत्र सत्र, लागू किया जाएगा दो फेज का एक्शन प्लान

दिल्ली में अप्रैल माह के दौरान सभी कक्षाओं के छात्रों हेतु स्कूल एक बार फिर से खुलने जा रहे हैं। नए सत्र में स्कूलों में दो फेज के एक्शन प्लान को लागू किया जाएगा। दरअसल कई छात्र 2 साल के लंबे अंतराल के बाद स्कूल पहुंचेंगे।

ऐसे में शिक्षा निदेशालय एकदम से पढ़ाई का बोझ डालने की बजाय पहले उन्हें स्कूल आने की प्रक्रिया के प्रति सहज बनाना चाहता है।

फेज- एक 10 अप्रैल तक होगा इसमें स्कूल स्तर पर मिशन बुनियाद से जुड़े शिक्षकों की री-फ्रेशर ट्रेनिंग। कक्षा तीसरी से 9वीं तक के सभी विद्यार्थियों का बेसलाइन असेसमेंट।

अभिभावकों को मिशन बुनियाद के बारे में अवगत कराने और बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अप्रैल के पहले सप्ताह में मेगा पीटीएम का आयोजन किया जाएगा।

स्कूल का पूरा समय निम्नलिखित गतिविधियों के लिए आवंटित किया जाएगा

फेज- दो 11 अप्रैल से 15 जून तक होगा इसमें मिशन बुनियाद और हैप्पीनेस क्लासेस होंगी।
इन दो घंटे की क्लास को तीन हिस्से होंगे- हैप्पीनेस क्लास के लिए 30 मिनट, हिंदी पढ़ने-लिखने के लिए 45 मिनट और बेसिक मैथ के लिए 45 मिनट।

प्रोग्रेस ट्रैक करने के लिए हर शनिवार को मूल्यांकन होगा। वर्कशीट के माध्यम से छात्रों को पिछली कक्षाओं के अकेडमिक कॉन्सेप्ट्स से जोड़ने के लिए कैच-अप सेशन आयोजित किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि इस साल, शिक्षा निदेशालय ने कक्षा 9वीं के विद्यार्थियों को विशेष रूप से हैप्पीनेस क्लास और मिशन बुनियाद कक्षाओं में शामिल करने का निर्णय लिया है। क्योंकि पिछले दो सालों में उनकी पिछली सभी क्लासेज ऑनलाइन आयोजित की गई थीं और उन्हें पिछले दो सालों में हुए सीखने के नुकसान से उबरने के लिए सपोर्ट की जरुरत हो सकती है।

दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने नए शैक्षणिक सत्र में स्टूडेंट्स में आए लनिर्ंग-गैप, लिखने- पढ़ने और बुनियादी गणित को लेकर उनमें आधारभूत कौशल को बेहतर करने की तैयारी की है।

इस बाबत शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने सोमवार को सरकारी स्कूलों के सभी स्कूल प्रमुखों व डीओई के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें शैक्षणिक सत्र 2022-23 की पहली तिमाही में विशेष रूप से विद्यार्थियों के भावनात्मक वेल-बींग और आधारभूत कौशल पर ध्यान देने का निर्देश दिया। विद्यार्थियों में आए लीर्निग-गैप को दूर करने के लिए शिक्षा निदेशालय द्वारा दो फेज का एक्शन प्लान तैयार किया गया है।

शिक्षा निदेशक ने कहा कि प्रत्येक बच्चे को न केवल अपने आधारभूत कौशल को फिर से वापस लाया जाएगा, बल्कि विषयों को लेने से पहले वैचारिक स्पष्टता का निर्माण करने का अवसर देने के लिए कक्षावार पाठ्यक्रम को कम किया जाएगा।

बैठक में शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, शिक्षा निदेशक के प्रधान सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा, अतिरिक्त शिक्षा निदेशक (स्कूल), रीता शर्मा ने शिक्षकों व स्कूल प्रमुखों के साथ विस्तृत एक्शन प्लान पर चर्चा की।

शैलेंद्र शर्मा ने सिलेबस का भार डालने के बजाय विद्यार्थियों को उस स्तर पर पढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जहां वे हैं। उन्होंने स्कूलों को मिशन बुनियाद के तहत पढ़ने, लिखने और बुनियादी संख्यात्मक कौशल पर फोकस करने की बात कही, ताकि विद्यार्थियों में लनिर्ंग के लिए एक मजबूत नींव रखी जा सके।

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से शुरू हो रहा है। ऐसे में यह पहली बार होगा, जब स्टूडेंट्स लॉकडाउन की एक श्रृंखला के दो साल बाद नए सत्र में भौतिक तौर पर कक्षाओं में शामिल होंगे।

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *