अन्नाद्रमुक ने तमिलनाडु में कृषि बिजली कनेक्शन में मीटर लगाने का विरोध किया

अन्नाद्रमुक ने कृषि बिजली कनेक्शन के लिए बिजली मीटर लगाने के फैसले का कड़ा विरोध किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के मुख्य समन्वयक ओ. पनीरसेल्वम ने कहा कि सत्तारूढ़ द्रमुक कृषि खेतों के लिए बिजली कनेक्शन की मीटरिंग के मुद्दे पर दोहरा मापदंड बनाए हुए है।
पन्नीरसेल्वम ने कहा कि मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कृषि भूमि के लिए एक लाख बिजली कनेक्शन देने की घोषणा की थी और इसे सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया था।

उन्होंने कहा कि कनेक्शन उपलब्ध कराने के बाद अब बिजली विभाग कनेक्शनों की मीटरिंग कर रहा है और किसान इस बात से आशंकित हैं कि यह खपत शुल्क निकालने का एक जरिया है।

उन्होंने कहा कि द्रमुक दोहरा मापदंड निभा रही है, क्योंकि अन्नाद्रमुक के सत्ता में रहते हुए उसने इसका कड़ा विरोध किया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिवंगत जे. जयललिता के नेतृत्व में अन्नाद्रमुक सरकार ने खेतों के कनेक्शन के लिए बिजली के मीटर लगाए थे और उस समय विपक्ष में रही द्रमुक ने इसका कड़ा विरोध किया था।

अन्नाद्रमुक नेता ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री दिवंगत जे. जयललिता द्वारा बार-बार आश्वासन दिए जाने के बाद भी कि मीटरिंग केवल खपत दर्ज करने के उद्देश्य से की गई थी, द्रमुक नहीं मानी और इसके खिलाफ सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन किया था।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह द्रमुक के दोहरे स्वभाव और किसानों व कृषि से संबंधित मुद्दों में इसके दोहरेपन का स्पष्ट संकेत है।

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