इंटरनेशनल कोर्ट ने शुक्रवार को इजरायल को गाजा के शहर राफा में सेना की कार्रवाई को तुरंत रोकने का आदेश दिया. हमास के खिलाफ युद्ध को लेकर इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय दबाव और बढ़ गया है. हेग में स्थित कोर्ट के चीफ जस्टिस नवाफ सलाम ने कहा, ‘इजरायल को राफा में अपने सेना के अटैक और किसी भी अन्य कार्रवाई को तुरंत रोकना चाहिए. गाजा में फिलिस्तीनियों के जीवन को पूर्ण या आंशिक रूप से विनाश की ओर ले जा सकती है.
आईसीजे के चीफ जस्टिस सलाम ने कहा, ‘अदालत राफा में मानवीय स्थिति को “विनाशकारी” मानती है. अगर राफा में इजरायली ऑपरेशन जारी रहा तो स्थिति “और भी भयावह” होने वाली है. इससे पहले इजरायल ने अमेरिका सहित कई अंतर्राष्ट्रीय संगठन की बात न मानकर 7 मई को राफा में लिमिटेड जमीनी आक्रमण शुरू किया था. इजरायली सेना राफा में घुसते ही मिस्र से लगे बॉर्डर को लॉक कर दिया, तब से वह बंद है. यह गाजा में मानवीय सहायता के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश बिंदु था.
आईसीजे ने कहा कि राफा में इजराइल के सैन्य कार्रवाई के बाद से पहले दस लाख से अधिक फिलिस्तीनी वहां शरण लिए हुए थे, लेकिन अटेक के बाद से लगभग 8 लाख लोग शहर छोड़ चुके हैं. कोर्ट ने कहा कि इजरायल ने वहां पर शरण लिए लोगों को शहर खाली करने और रहने की स्थिति फिलिस्तीनियों के सामने आने वाले भारी जोखिम को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं था. आईसीजे के फैसले अंतिम और बाध्यकारी होते हैं, लेकिन उनके पास लागू करने के लिए कोई तंत्र नहीं है, और पहले भी उन्हें अंतराष्ट्रीय स्तर पर अनदेखा किया गया है.