वित्तमंत्री ने जी-20 से कहा, वैश्विक विकास को पुनर्जीवित करें


केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को जी-20 देशों से वैश्विक विकास को पुनर्जीवित करने और जरूरी सुधारों के लिए कदम उठाने का आान किया है। वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि मंत्री ने जी-20 के 19 देशों व यूरोपीय संघ से वैश्विक नीति समन्वय पर जोर देते हुए सुधारों की दिशा में मजबूत कदम उठाने की बात कही है।

बयान के अनुसार, सीतारमण ने वैश्विक मंदी पर ठोस कार्रवाई के लिए एक स्पष्ट आह्वान किया है। उन्होंने उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्थाओं पर चिंता जाहिर की। वित्तमंत्री ने विशेष तौर पर उन अर्थव्यवस्थाओं का मुद्दा उठाया, जिनके सामने आर्थिक विकास को हासिल करना चुनौती है।
वित्तमंत्री वॉशिंगटन डीसी में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वार्षिक बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही हैं।

वित्तमंत्री ने सामूहिक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए जी-20 की आवश्यकता परजोर दिया, ताकि वैश्विक विकास को फिर से गति मिल सके।

आईएमएफ/विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से इतर जी-20 के वित्त मंत्रियों, सेंट्रल बैंक गवर्नर और ब्रिक्स वित्त मंत्रियों की एक बैठक हुई। इसमें सीतारमण ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

इस हफ्ते की शुरुआत में आईएमएफ ने 2019 के लिए वैश्विक विकास की दर को घटाकर तीन फीसदी कर दिया था, जिसकी वैश्विक वित्तीय संकट के बाद सबसे धीमी गति है।

इसके साथ ही आईएमएफ ने कमरोज घरेलू मांग का हवाला देते हुए चालू वित्तवर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास का अनुमान घटाकर 6.1 फीसदी तक रहने की बात कही थी।

सीतारमण ने गुरुवार को कहा था कि देशों को मंदी का सामना करने के लिए संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाना चाहिए।

पिछले महीने सरकार ने कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर कटौती की घोषणा की थी।

सीतारमण के हवाले से वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, “भारत ने कॉपोर्रेट टैक्स को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया है, जिससे भारत आज दुनिया में सबसे कम कॉर्पोरेट टैक्स लगाने वाला देश बन गया है। इससे निवेश बढ़ेगा।”

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