मप्र को जरुरत के मुताबिक मिलेंगे वैक्सीन के डोज

मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सिंतबर को कोरोना वैक्सीनेशन का महाअभियान आयोजित किया जा रहा है।

राज्य को जरुरत के अनुसार वैक्सीन का डोज उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि केन्द्र सरकार से राज्य को आवश्यकता के अनुसार कोविड से बचाव की वैक्सीन दी जा रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वस्त किया है कि राज्य को अब तक जिस तरह जरूरत के अनुसार वैक्सीन डोज मिलते रहे हैं, आगे भी पर्याप्त डोज मिलेंगे।

इस आपूर्ति से आगामी 17 सितम्बर को संचालित किए जा रहे वैक्सीनेशन महाअभियान को सफल बनाने में सहयोग मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के जन्म-दिवस पर महाअभियान संचालित किया जा रहा है। वैक्सीनेशन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रतिदिन राज्य में कम से कम 10 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित करें।

आगामी 17 सितम्बर के पश्चात इसी माह आखिरी सप्ताह में भी प्रथम डोज शत-प्रतिशत पात्र लोगों को लगाने की लक्ष्य प्राप्ति के पूरे प्रयास हों।

संभव हो तो मतदाता सूची को आधार बनाकर जन-सहयोग प्राप्त कर लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए केन्द्रों तक लाने का कार्य किया जाए, जिससे अभियान से शत-प्रतिशत वैक्सीन का लक्ष्य पूरा हो सकें।

बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में अब तक 5.49 करोड़ वैक्सीनेशन के पात्र व्यक्तियों में से 4.07 करोड़ को प्रथम डोज और 93 लाख व्यक्तियों को दूसरा डोज लगाया जा चुका है। जिन जिलों में प्रगति 80 प्रतिशत से अधिक है, उनमें इंदौर, आगर-मालवा, भोपाल, सीहोर, हरदा, शहडोल, रतलाम, उज्जैन, नीमच, शाजापुर, गुना और दतिया शामिल हैं।

जो जिले अपेक्षित रफ्तार नहीं पकड़ सके हैं उनमें 56 से 64 प्रतिशत वैक्सीनेशन वाले जिले सतना, श्योपुर, भिण्ड, धार, रीवा, मण्डला, सीधी और खरगौन शामिल हैं। इसके अलावा बैतूल, अलीराजपुर, बड़वानी, सिंगरौली, शिवपुरी, कटनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट और मुरैना भी 65 से 70 प्रतिशत के मध्य वैक्सीनेशन करा सके हैं।

बताया गया कि प्रदेश में सितम्बर माह में कुल 120 कोरोना के पॉजिटिव प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें 65 प्रकरणों में रोगियों द्वारा वैक्सीनेशन नहीं करवाया गया था। इस तरह कुल रोगियों के 54 प्रतिशत रोगी वैक्सीनेशन के न होने एवं अन्य कारण से संक्रमण से प्रभावित हुए हैं।

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