नई दिल्ली, २७ जुलाई। देश के पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे अब्दुल कलाम की आठवीं पुण्यतिथि के मौके पर देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने बृहस्पतिवार को उन्हें यादकर श्रृद्धांजलि अर्पित की।
लेकिन, राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला। पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे अब्दुल कलाम के नाम पर कशीदे पढ़ कर भीड़ जुटाने वालों आयोजकों ने ही उनके वसूलों की धज्जियाँ उड़ा दी। परवाज़ मीडिया ग्रुप एवं ए. पी. जे अब्दुल कलाम ग्लोबल फाउंडेशन नामक संस्था द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस समारोह में समाज के अलग -अलग क्षेत्रों के लोगों को सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया गया था। करीब ५ घंटे चले इस प्रोग्राम में सभी आमंत्रित अतिथि एक कप चाय के लिए भी तरसते दिखे। हद तो तब हुई जब समारोह के समापन पर ये ऐलान किया गया कि सिर्फ़ वीआईपी अतिथि को ही खाना मिलेगा।
हालाँकि, वहाँ मौजूद कुछ लोगों ने इस पर नाराज़गी जताई तो आदेश दिया गया कि परवाज़ मीडिया ग्रुप एवं ए. पी. जे अब्दुल कलाम फ़ाउंडेशन के संस्थापक के मुताबिक़ सिर्फ़ अवॉर्ड पाने वालों के लिए ही खाने की व्यवस्था है। हलांकि, इस हंगामे को देख कर आधी भीड़ ने वापस लौटना ही बेहतर समझा। आलम ये था कि ३-४ बाउंसर से घिरे तथाकथित पत्रकार एवं परवाज़ मीडिया ग्रुप एवं ए. पी. जे अब्दुल कलाम ग्लोबल फाउंडेशन के कर्ताधर्ता शमीम खान ने अव्यवस्था की शिकायत करने वाले एक वरिष्ठ संपादक को भी बदतमीज़ी से बात करने से परहेज़ नहीं किया।

इस पूरे घटनाक्रम से आहत वहाँ मौजूद पूर्व राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी ने कहा, “हमें तो सम्मान लेकर भी बेइज़्ज़ती महसूस हो रही है। जिस प्रकार लोगों को सिर्फ़ भीड़ समझकर ४-५ घंटे बैठाया गया और फिर उन्हें ऐसे बर्ताव किया जा रहा है, ये अनुचित है।”
साथ एक अन्य सम्मानित समाजसेवी ने इस तरह के आयोजन को एक धंधे की संज्ञा देकर माँग कर डाली। उसने कहा कि इस तरह के सभी आयोजनों के पर्दे के पीछे की पूरी करतूत की जाँच होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि ये संस्था हमेशा इसी तरह का आयोजन करती है और इसकी आड़ में कई बड़े-बड़े खेल को अंजाम दिया जाता है।
ये बात सुनकर वहाँ मौजूद कई आमंत्रित महिलाओं ने बिना किसी उम्मीद और भोजन के अपने-अपने घर को रवाना होना ही बेहतर समझा। इस पूरे प्रकरण के बाद आख़िर में बचे कुछ लोगों को आख़िरकार खाने की अनुमति दे दी गई।
राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित इस तरह के अव्यवस्थित एवं प्रायोजित प्रोग्राम अपने आप में एक सवाल ज़रूर पैदा करते हैं। क्योंकि विज्ञान भवन एक ऐसा परिसर है जहां ज़्यादातर सरकारी समारोह या सरकार द्धारा प्रायोजित समारोह का आयोजन किया जाता है, जिससे इसकी एक अलग पहचान और मान्यता है।
हालाँकि, देश के पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे अब्दुल कलाम की आठवीं पुण्यतिथि मौक़े पर श्रृद्धांजलि देने के लिए केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, पूर्व मंत्री विजय गोयल, दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन, मेयर शैली ओबराय एवं दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनरेश गोयल समेत कई नामचीन लोग मौजूद रहे।