पारसनाथ हिल्स के सम्मेद शिखर सिद्ध क्षेत्र में मांसाहार व शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए सरकार

नागालैण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष राजेश कुमार सेठी जी के प्रयास से पूर्व सांसद और आईपीएस डॉ अजय कुमार ने झारखंड के मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा है कि झारखण्ड में पारसनाथ की पवित्र सम्मेद शिखरजी की पावन भूमि पर खुले आम बनता मांसाहार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए|

डॉ अजय ने कहा जैन समाज की धरोहर सम्मेद शिखरजी की पवित्रता खतरे में है.पवित्र पर्वत पर लोग मांसाहारी भोजन बना रहे हैं |

प्रशासन द्वारा यहां मांसाहार बनाना एक दंडनीय अपराध है और फिर भी ऐसा खुलेआम जब होता है तो वह पावन तीर्थ पर हमारी कमेटियों और प्रशासन पर सवालिया निशान लगा देता हैऑ

जैन समाज के प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान पार्शवनाथ की तपस्थली जहाँ से 20 तीर्थंकर भगवान मोक्ष गए हैं एवं अहिंसा की जयघोष से सम्पूर्ण विश्व को मैत्रीय पूर्ण संदेश देने वाली सम्मेद शिखरजी की पावन भूमि की पवित्रता आज खतरे में हैं.विश्वास नहीं हो रहा है कि शिखरजी की तलहटी में खुल्लम खुल्ला मांसाहार बनता है पकता है|

डा.अजय ने कहा कि मुख्यमंत्री स्थानीय प्रशासन को पवित्र पर्वत पर ऐसी किसी भी गतिविधि को रोकने के लिए सख्त से सख्त आदेश दे ताकि हमारे जैन समुदाय की धार्मिक भावनाओं को कोई भी ठेस न पहुंचे|

वहीं तीर्थराज सम्मेद शिखर में मांसाहार एवं शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लागाने को लेकर कल शाम नागालैण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार सेठी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को एक Email भेजा जिसमे उन्होने पर्वतराज सम्मेद शिखर जी मे हो रहे अत्याचार एवम मांसाहार, शराब आदि की बढ़ती बिक्री को लेकर अपनी चिंता जताई।

अध्यक्ष सेठी जी ने बताया कि सम्मेद शिखर जैनियों का सबसे बड़ा महातीर्थ है जहां जैनियों के 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों ने सम्मेद शिखर की पावन धरा से निर्वाण प्राप्त किया।

यहां लाखो की संख्या में पूरे विस्व से लोग दर्शनार्थि दर्शन एवं यात्रा को आते हैं । लोग बिना जूते नंगे पांव 27Km पैदल वंदना करते हैं । यहां आ के लोग रात्रि भोजन आदि का त्याग करते है और ऐसी जैनियों के आस्था की धरती में मांसाहार, शराब आदि का सेवन व बिक्री करना एक घौर अपराध है ।

जैनी जहां एक मछर, एक चींटी तक भी मारने को अपराध मानते है वहां मांसाहार आदि का सेवन व बिक्री पवित्र धरा को अपवित्र करना घौर अपराध है जिसकी सम्पूर्ण जैन समाज के लिए भी शर्मसार वाली बात।

जैनी भले ही संख्या में अल्पसंख्यक हो लेकिन जैनियों की आस्था के साथ खिलवाड़ कभी नहीं करने दिया जाएगा।

सेठी ने सम्पूर्ण जैनियों से भी आव्हान किया कि सब आगे आये और सम्मेद शिखर पर्वत पे हो रहे अन्याय को पुर जोर सरकार के संज्ञान में ला कर न्याय की मांग करे।

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