‘डॉक्टर ऑन व्हील योजना’ कंस्ट्रक्शन साइट पर ही श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच

नई दिल्ली, १ अगस्त।  दिल्ली सरकार ने निर्माण श्रमिकों के लिए डॉक्टर ऑन व्हील योजना शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत स्वास्थ्यकर्मियों की टीम निर्माण स्थल पर जाकर श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच करेगी। यही नहीं, वहां परिवार के साथ रहने वाले श्रमिकों के बच्चों की देखभाल के लिए मोबाइल क्रेच की शुरुआत भी की जाएगी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में दिल्ली निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड की 39वीं बैठक में सोमवार को यह फैसला लिया गया।

बैठक में निर्माण श्रमिकों के लिए वर्तमान में चल रही 17 कल्याणकारी योजना की प्रगति की समीक्षा भी की गई। साथ ही नई योजनाओं, उनके साथ सीधे जुड़ने समेत अन्य विषयों पर चर्चा हुई। बैठक में तय हुआ है कि श्रमिकों के साथ आसानी से जुड़ने के लिए बोर्ड अपनी वेबसाइट को भी अपग्रेड कर रहा है। इससे श्रमिकों को उनसे जुड़ी योजनाओं के बारे में आसानी से जानकारी मिल सकेगी। सिसोदिया ने कहा कि जो फैसले बैठक में हुए हैं, उसे जल्द से जल्द अमल में लाने का काम शुरू किया जाएगा।

सरकार के मुताबिक, हर जिले में स्वास्थ्य जांच शिविर निर्माण स्थलों पर लगाई जाएगी, जिससे श्रमिकों की सेहत बेहतर होगी। मनीष सिसोदिया ने कहा कि श्रमिकों के बच्चों को अच्छी देखभाल मिले, इसके लिए मोबाइल क्रेच की सुविधा होगी। मां-बाप दोनों काम कर रहे होते हैं तो बच्चे अक्सर निर्माण स्थलों पर दिखाई देते हैं। क्रेच की सुविधा में उन्हें बेहतरीन डे केयर उपलब्ध कराया जाएगा।

बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में बोर्ड के पास लेबर कार्ड बनवाने के लिए 17 लाख आवेदन आ चुके हैं। जांच के बाद सभी को लेबर कार्ड जारी किया जा रहा है। इसपर सिसोदिया ने कहा कि वह स्वतंत्र एजेंसी से सोशल ऑडिट करवाएं, जिससे पता चले कि कल्याणकारी योजना का लाभ पात्र लोगों को मिल रहा है या नहीं। इसके लिए दो सदस्यीय समिति बनाई गई जो सोशल ऑडिट के काम को आगे बढ़ाएगी। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कुशल कर्मी नाम से शुरू किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम को तीन निर्माण स्थलों पर 200 निर्माण श्रमिकों के साथ पायलट फेज में चलाया जा रहा है। इसके अच्छे नतीजे मिले हैं।

बोर्ड बैठक में अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि डेढ़ साल में श्रमिकों को कुल 611 रुपये की आर्थिक मदद अलग-अलग मदों में दी गई है।

-कोरोना और प्रदूषण के चलते निर्माण बंद होने पर पंजीकृत 1.18 लाख निर्माण श्रमिकों को 118 करोड़ रूपये सहायदा राशि के रूप में दिया गया।

-फिर दूसरी लहर में 5-5 हजार के हिसाब से 3.17 लाख श्रमिकों को 158 करोड़ रुपये दिए गए।

-पिछले साल सर्दियों के दौरान प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण भी कुछ समय के लिए निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई थी। इस दौरान 6.17 लाख निर्माण श्रमिकों के खाते में सरकार की ओर से 309 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई।

-इसी तरह उनके बच्चों को 12.35 करोड़ रुपये स्कॉलरशिप भी दी गई। इसके अलावा अलग-अलग 17 कल्याणकारी योजनाओं में श्रमिकों या उनके आश्रितों को सहायता राशि दी गई।

लगातार अपडेट और ख़बरों के लिए हमारे फ़ेसबुक पेज और ट्विटर ज़रूर फ़ॉलो करें। 

 

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *