“डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण भारत मेगा इकोनॉमी की ओर, ‘जलवायु परिवर्तन’ के ख़िलाफ़ भी कारगर”

नई दिल्ली। इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने रविवार को कहा कि यूपीआई जैसा डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर कई अनौपचारिक अर्थव्यवस्थाओं को एक मेगा अर्थव्यवस्था में बदल रहा है।

उन्होंने बी20 शिखर सम्मेलन में यह टिप्पणी करते हुए कहा कि अगले 20 वर्षों में भारत का एक बड़ी अर्थव्यवस्था में तब्दील होने का चलन बनने जा रहा है।

नंदन नीलेकणि का संबोधन👇🏻 सुनने के लिए नीचे लिंक क्लिक करें।

न्होंने कहा, “जब भी आप डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करते हैं, तो यह डेटा बनाता है। भारत ने एक अद्वितीय विचार का आविष्कार किया है कि कैसे व्यक्ति और कंपनियां इसे मुद्रीकृत करने के लिए अपने स्वयं के डेटा फ़ुटप्रिंट का उपयोग कर सकती हैं। यह डेटा फ़ुटप्रिंट उनकी डिजिटल पूंजी है और व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ने के लिए डिजिटल पूंजी का उपयोग कर सकते हैं। यह अवधारणा दुनिया में कहीं भी मौजूद नहीं है।

उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि “वैश्विक स्तर पर चर्चित डिजिटल सार्वजनिक ढांचा आगे चलकर ‘जलवायु परिवर्तन’ को कम करने में भी मदद कर सकता है।”

साथ ही उन्होंने देश के डिजिटल सार्वजनिक ढांचे (डीपीआई) की सफलता का उल्लेख किया।

नीलेकणि ने कहा कि भारत के डीपीआई को वैश्विक मान्यता मिल रही है और इस मॉडल को पांच साल में 50 देशों में ले जाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है।

बी20 या बिजनेस 20 शिखर सम्मेलन रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में संपन्न हुआ।

 

-डॉ. शाहिद सिद्दीक़ी; Follow via Twitter @shahidsiddiqui

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