नई दिल्ली , २५ फ़रवरी। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज दो दिन की यात्रा की भारत यात्रा पर हैं। उनके साथ वरिष्ठ अधिकारी और एक उच्चाधिकार प्राप्त व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी भारत पहुँचा है।चांसलर ओलाफ शोल्ज का भारत पहुँचते ही राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में पीएम मोदी ने उनका रस्मी स्वागत किया।
उसके बाद आज दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ बातचीत की। दोनों देशों के नेताओं ने पिछले वर्ष मई में छठी अंतर-सरकारी परामर्श बैठक के परिणामों की प्रगति की समीक्षा की। 2021 में जर्मनी का चांसलर बनने के बाद यह शोल्ज की पहली भारत यात्रा है। इससे पहले दोनों देशों के नेताओं के बीच पिछले साल 16 नवंबर को G20 शिखर सम्मेलन के मौके पर इंडोनेशिया के रिसॉर्ट शहर बाली में द्विपक्षीय बातचीत हुई थी।
मुलाक़ात के दौरान जर्मन चांसलर शोल्ज और पीएम मोदी ने रक्षा और आर्थिक सहयोग को मजबूत करने, प्रतिभाओं की आवाजाही को सरल बनाने और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की। पिछले एक वर्ष के दौरान यह दोनों नेताओं की चौथी मुलाकात है। इससे भारत और जर्मनी के बीच प्रगाढ़ होते संबंधों का पता चलता है। दोनों नेता प्रमुख व्यापारिक प्रतिनिधियों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ संवाद कर रहे हैं।
ग़ौरतलब है कि अंतर-सरकारी परामर्श में, दोनों देशों के मंत्री अपने कार्यक्षेत्र के विषयों पर चर्चा करते हैं और इस चर्चा के परिणाम की जानकारी अपने शासनाध्यक्षों को देते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के “मजबूत संबंध, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, और एक दूसरे के हितों की गहरी समझ पर आधारित हैं और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक एवं आर्थिक आदान-प्रदान का भी लंबा इतिहास रहा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि भारत और जर्मनी त्रिकोणीय विकास सहयोग (Triangular Development Cooperation) के तहत तीसरे देशों के विकास के लिए आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में हमारे बीच (people-to-people) संबंध भी सुदृढ़ हुए हैं। पिछले वर्ष दिसम्बर में किये गए ‘Migration and Mobility Partnership Agreement’ उससे ये संबंध और भी गहरे होंगे। बदलते समय की आवश्यकताओं के अनुसार, हम अपने संबंधों में नए और आधुनिक पहलू भी जोड़ रहे हैं। पिछले वर्ष मेरी जर्मनी की यात्रा के दौरान हमने “ग्रीन एंड सस्टेनेबल डेवेलपमेंट पार्टनर्शिप” (Green and Sustainable Development Partnership) की घोषणा की थी। इसके माध्यम से, हम Climate Action और Sustainable Development Goals के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं। Renewable Energy, Green Hydrogen और bio-fuels जैसे क्षेत्रों में भी हमने साथ काम करने का निर्णय लिया।
उन्होंने यह भी कहा कि “विश्व की दो बड़ी लोकतान्त्रिक अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ता सहयोग, दोनों देशों की जनता के लिए तो लाभकारी तो है ही साथ में आज के तनाव-ग्रस्त विश्व में इससे एक सकारात्मक संदेश भी जाता है।”
भारत में जर्मन निवेश की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि “आज ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की वजह से भारत में सभी क्षेत्रों में नए अवसर खुल रहे हैं। इन अवसरों के प्रति जर्मनी की रुचि से हम उत्साहित हैं।”
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत की जमकर तारीफ की। ओलाफ स्कोल्ज ने कहा कि ‘भारत ने काफी तरक्की की है और यह दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए बहुत अच्छा है।
स्कोल्ज ने भारत में निवेश को लेकर भी कई बातें कीं। उन्होंने कहा कि लगभग 1,800 जर्मन कंपनियां भारत में सक्रिय हैं और उन्होंने भारत में हजारों नौकरियां दी हैं। उन्होंने कहा कि हमें कुशल श्रमिकों की आवश्यकता है। आईटी और सॉफ्टवेयर का विकास भारत में फलफूल रहा है और कई सक्षम कंपनियां यहां भारत में हैं इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम उस निगम से लाभ उठाना चाहते हैं। हम जर्मनी में उस प्रतिभा को भर्ती और आकर्षित करना चाहते हैं।
There were agreements on G2G and B2B during the visit of #GermanChancellor @OlafScholz , Foreign secretary @AmbVMKwatra elaborates …. pic.twitter.com/v8vxv0ZUzM
— Dr. Shahid Siddiqui (@shahidsiddiqui) February 25, 2023
भारत और जर्मनी के बीच के द्विपक्षीय संबंध साझा लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर आधारित हैं। भारत द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी संघीय गणराज्य के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था।
जर्मनी, भारत को विकास परियोजनाओं में प्रति वर्ष 3 बिलियन यूरो का सहयोग देता है, जिसमें से 90% जलवायु परिवर्तन से मुकाबले और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के साथ-साथ स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य में काम आता है।
जर्मनी महाराष्ट्र में 125 मेगावाट क्षमता के एक विशाल सौर संयंत्र के निर्माण में भी सहयोग कर रहा है, जो 155,000 टन वार्षिक CO2 उत्सर्जन की बचत करेगा। दिसंबर 2021 में जर्मनी के नए चांसलर की नियुक्ति के बाद भारत और जर्मनी ने सहमति व्यक्त की है कि दुनिया के प्रमुख लोकतांत्रिक देशों तथा रणनीतिक भागीदारों के रूप में दोनों देश साझा चुनौतियों से निपटने के लिये आपसी सहयोग की वृद्धि करेंगे, जहाँ जलवायु परिवर्तन उनके एजेंडे में शीर्ष विषय के रूप में शामिल होगा।
जर्मन चांसलर की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत G20 की अध्यक्षता कर रहा है। वर्तमान समय में दोनों देशों के संबंध एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और इसी कड़ी में जर्मन चांसलर की भारत यात्रा के दोनों देशों के लिए विशेष मायने हैं।
-डॉ. शाहिद सिद्दीक़ी, Follow via Twitter @shahidsiddiqui