ओडिशा में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के लिए चुनाव 16 फरवरी से पांच चरणों में होंगे। राज्य चुनाव आयुक्त आदित्य प्रसाद पाधी ने यह जानकारी दी।
पाधी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव पांच चरणों में 16, 18, 20, 22 और 24 फरवरी को कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए होंगे। उन्होंने आगे बताया कि 26, 27 और 28 फरवरी को प्रखंड स्तर पर मतगणना और परिणामों की घोषणा की जाएगी।
पाधी ने कहा, सुबह सात बजे से दोपहर एक बजे तक मतदाता अपना वोट डाल सकेंगे। तकरीबन 2.79 करोड़ से ज्यादा मतदाता 91,913 वार्ड सदस्यों, 6,794 सरपंचों, 6,793 पंचायत समिति सदस्यों और 853 जिला परिषद सदस्यों को चुनने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं।
कार्यक्रम के अनुसार चुनाव अधिकारी 13 जनवरी को चुनाव के लिए औपचारिक अधिसूचना जारी करेंगे। इच्छुक उम्मीदवार 17 से 21 जनवरी के बीच नामांकन दाखिल कर सकते हैं जबकि 22 जनवरी को पत्रों की जांच की जाएगी।
उम्मीदवार 25 जनवरी तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं और उम्मीदवारों की अंतिम सूची 25 जनवरी को प्रकाशित की जाएगी।
पाधी ने कहा कि नायब सरपंच, पंचायत समिति अध्यक्ष और जिला परिषद अध्यक्ष पद के लिए अप्रत्यक्ष चुनाव क्रमश: 11, 12 और 13 मार्च को होगा।
उन्होंने बताया कि पंचायत समिति उपाध्यक्ष और जिला परिषद उपाध्यक्ष का चुनाव 23 और 25 मार्च को होगा।
उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता आज से 28 फरवरी तक पूरे राज्य में लागू रहेगी।
पाधी ने कहा कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए किसी भी चुनावी रैली, जनसभा, रोड शो, पदयात्रा और जुलूस की अनुमति नहीं होगी। केवल पांच व्यक्तियों की अधिकतम भागीदारी के साथ डोर-टू-डोर अभियानों की अनुमति होगी।
चुनाव आयुक्त ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से अपील की है कि वे कोरोना सुरक्षा मानदंडों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए भौतिक मोड के बजाय डिजिटल, वर्चुअल या ऑनलाइन मोड के माध्यम से जितना संभव हो सके अपने अभियान का संचालन करें।
उन्होंने कहा कि किसी भी जीत की प्रक्रिया की अनुमति नहीं दी जाएगी। मतगणना केंद्रों में केवल कोरोना निगेटिव रिपोर्ट वाले पूरी तरह से टीके लगाए गए व्यक्तियों को ही अनुमति दी जाएगी। पूरी तरह से टीकाकरण कराने वाले अधिकारी ही पोलिंग ड्यूटी में लगे रहेंगे।
उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग कोरोना मानदंडों का उल्लंघन करेंगे। उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के अनुसार दंडित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंधों में ढील दी जा सकती है या कड़ा किया जा सकता है।
चुनाव स्थगित करने की विपक्ष की मांग के बारे में एक प्रश्न पर टिप्पणी करते हुए, पाधी ने कहा, चुनाव संवैधानिक दायित्व को पूरा करने के लिए समय पर किए जाएंगे। हम कोरोना स्थिति के कारण मतदान में देरी नहीं कर सकते क्योंकि वायरस का दो, तीन महीने बाद एक और वेरिएंट सामने आ सकता है।
इसके अलावा, भारत के चुनाव आयोग ने भी हाल ही में विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव की घोषणा की है।