आतंकवाद के समर्थकों की जवाबदेही तय करने की जरूरत: राजनाथ सिंह

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों का आतंकवाद के समर्थकों की जवाबदेही तय करने का आह्वान किया और क्षेत्रीय सहयोग की रूपरेखा तैयार करने की वकालत की, जो समूह के देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे।

सिंह के बयान को पाकिस्तान के परोक्ष संदर्भ में और चीन को संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

इससे पहले भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू के बीच मुलाकात करीब 1 घंटे तक चली। इस दौरान भारत की तरफ से पूरी बातचीत का जोर सीमा मामले पर ही था।

सूत्रों के मुताबिक, बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ-साफ कहा कि भारत और चीन के संबंध सीमा तनाव से सीधे जुड़े हैं. जब तक सीमा पर हालात नहीं सुधारते तब तक संबंधों में सामान्य कारोबार की अपेक्षा बेमानी है।

बैठक में तनाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री के बीच हैंडशेक (हाथ मिलाना) की औपचारिकता भी नहीं हुई। सूत्रों ने इस बात की तस्दीक करते हुए इतना ही कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नमस्कार के साथ ही उनका अभिवादन किया।

हालांकि बताया जाता है कि रक्षा मंत्री ने चीनी रक्षा मंत्री से पहले कजाखिस्तान, ईरान और ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्रियों से मुलाकात की तो गर्मजोशी से हैंडशेक भी हुआ.

एससीओ के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू की मौजूदगी में कहा कि भारत क्षेत्रीय सहयोग के एक ऐसे मजबूत ढांचे की कल्पना करता है, जो ‘‘सभी सदस्य देशों के वैध हितों का ध्यान रखते हुए उनकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का परस्पर सम्मान करे।’’

उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रावधानों के आधार पर शांति और सुरक्षा बनाए रखने में विश्वास रखता है और इसलिए वह एससीओ सदस्यों के बीच विश्वास और सहयोग बढ़ाने का प्रयास करता है।

उधर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग नहीं लिया और जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रक्षा मामलों पर विशेष सहायक ने डिजिटल तरीके से इसमें भाग लिया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद को मिलकर समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार का आतंकवादी कृत्य या किसी भी रूप में इसका समर्थन मानवता के खिलाफ एक बड़ा अपराध है और शांति एवं समृद्धि इस खतरे के साथ नहीं रह सकते।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई देश आतंकवादियों को शरण देता है, तो वह दूसरों के लिए ही नहीं, अपितु अपने लिए भी खतरा पैदा करता है। युवाओं को कट्टर बनाना केवल सुरक्षा की दृष्टि से ही चिंता का कारण नहीं है, बल्कि यह समाज की सामाजिक आर्थिक प्रगति के मार्ग में भी बड़ी बाधा है।’’

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘अगर हम एससीओ को मजबूत और अधिक विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय समूह बनाना चाहते हैं, तो हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटने की होनी चाहिए।’’

 

-डॉ. शाहिद सिद्दीक़ी, Follow via Twitter @shahidsiddiqui

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