नई दिल्ली। ७जून: राष्ट्रीय राजधानी में दुनिया की सैर करने वालों के लिए ‘इथियोपियन दूतावास’ में मंगलवार को ‘एक ख़ास प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस दौरान इथियोपिया में मौजूद दिलचस्प धरोहर, संस्कृति, खान-पान और प्राकृतिक संसाधनों से लोगों को रूबरू कराया गया।
लेकिन, समारोह में कई उन तथ्यों को भी पेश किया गया, जिसकी वजह से इस अफ्रीकी देश को दुनिया भर में अनोखा बनाता है। उन तथ्यों में सबसे पहले नंबर आता है वहाँ का कैलेंडर जो क़रीब आठ साल पीछे चलता है।
दरअसल, अफ्रीका में इथियोपिया ही ऐसा देश जहां एक साल में 12 महीने के बजाय 13 महीने होते हैं फिर भी उसका कैलेंडर दुनिया से 7 साल, 3 महीने पीछे चलता है। आइए जानते हैं कि आखिर यह देश इतने साल पीछे क्यों हैं और इसके पीछे की वजह क्या है?
इसकी वजह है कि इथियोपिया का अपना कैलेंडर ग्रेगोरियन कैलेंडर से लगभग पौने आठ साल पीछे है। यहां नया साल 1 जनवरी की बजाए हर 13 महीने बाद 11 सितंबर को मनाया जाता है। पूरी दुनिया में ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत 1582 में हुई थी, इससे पहले जूलियन कैलेंडर का इस्तेमाल हुआ करता था। हालांकि, जब नया कैलेंडर आया तो सभी देशों ने इस अपना लिया।
लेकिन कई देश इसका विरोध कर रहे थे। इनमें इथियोपिया भी एक था, जहां रोमन चर्च की छाप रही है। यानि इथियोपियन ऑर्थोडॉक्स चर्च मानता रहा कि ईसा मसीह का जन्म 7 बीसी में हुआ और इसी के अनुसार कैलेंडर की गिनती शुरू हुई। वहीं, दुनिया के बाकी देशों में ईसा मसीह का जन्म AD1 में बताया गया है। यही वजह है कि यहां का कैलेंडर अब भी 2013 में अटका हुआ है, जबकि तमाम देश 2022 की शुरुआत कर चुके हैं।
आज इथियोपिया एक प्रगतिशील और आपात संभावनाओं का देश बन चुका है। हालाँकि, दुनिया के सबसे पुराने इस देश में कई ऐसी ख़ास बातें है जो इस देश को अन्य देशों से अलग करती है जैसे की ९० तरह की भाषाएं, रहन सहन, वेश-भूषा, संस्कृति, धर्म, व्यवसाय|। इथियोपिया अफ्रीका के पूर्व में स्थित एक लैंडलॉक देश है, जिसे आधिकारिक तौर पर १९९१ से इथियोपिया जनतांत्रिक गणराज्य कहा जाता है।इसे पहले एबीसिनिया (Abyssinia) के नाम से जाना जाता था। पहली शताब्दियों में, अक्सम साम्राज्य ने इथियोपियाई साम्राज्य द्वारा सीमांत क्षेत्र में एकीकृत सभ्यता को बनाए रखा।
अफ्रीका के लिए १९वीं सदी के अंत में स्क्रैम्बल के दौरान, इथियोपिया और लाइबेरिया केवल दो राष्ट्र थे १९८७ में, डर्ग ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ इथियोपिया की स्थापना की १९९१में इथियोपिया पीपुल्स रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट, जो तब से सत्तारूढ़ राजनीतिक गठबंधन है।
२००४ से २०१० के बीच इथियोपिया दुनिया में सबसे तेज़ी से आर्थिक प्रगति करने वाला देश भी बन गया। इस दौरान देश १० फ़ीसदी की विकास दर से आगे बढ़ रहा था। और आज भी आर्थिक विकास के मामले में इथियोपिया लगातार आगे बढ़ रहा है। इसका सबसे प्रमुख कारण है यहाँ के लोगों का अपनी संस्कृति के प्रति लगाव और उसे बढ़ावा देना। यहाँ की जनजाति और ऐतिहासिक धरोहर भी इस देश को ख़ास बनाती हैं। इस देश में कई ऐसी चीजें भी हैं जो दुनिया भर में निर्यात किए जाते हैं।
इनमें सबसे ख़ास है यहाँ की विश्व विश्ख्यात कॉफी। इसके अलावा पर्यटन के क्षेत्र में भी सरकार काफ़ी कुछ कर रही है। इसी का ज़िक्र और नए संभावनाओं को तलाशने के लिए दिल्ली स्थित इथियोपियन दूतावास ने “इंडियन चेंबर्स ऑफ इंटरनेशनल बिज़नेस” यानि आइसीआइबी के साथ एक ख़ास कार्यक्रम का आयोजन किया। इस आयोजन के माध्यम से पर्यटन व्यवसाय और मीडिया जगत से जुड़े लोगों को इथियोपिया में ताज़ा हालात और नई संभवानाओं से अवगत कराया गया।
समारोह में इथियोपियन राजदूत के साथ साथ इथियोपिया स्थित पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। हालाँकि, उन्हें जोड़ने के लिए ऑनलाइन माध्यम ज़ूम का सहारा लिया गया। समारोह के संबोधित करते हुए इथियोपिया की राजदूत डॉ. तिजीता मुलुगेटा कहा कि हमारा देश आज दुनिया भर के पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है। जहां हर तरह आधुनिक सुविधाएँ एवं सेवाएँ देने के लिए स्थानीय एजेंसी पूरी तरह से सक्षम हैं। वहीं आइसीआइबी के अध्यक्ष ने भी इथियोपिया में पर्यटन की अपार संभावनाओं का ज़िक्र करते हुए वहाँ मौजूद लोगों को इथियोपिया आने के लिए आमंत्रित किया।
समारोह आख़िर में इथियोपिया की राजदूत डॉ. तिजीता मुलुगेटा के साथ साथ पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने वहाँ मौजूद लोगों के सवालों का भी जवाब दिया।
-डॉ. म. शाहिद सिद्दीक़ी
Follow via Twitter @shahidsiddiqui