अफगानिस्तान ने आधिकारिक तौर एक बार फिर पाकिस्तान को कड़ा जवाब देते हुए कहा है कि पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा पर अधिक ध्यान देना चाहिए और पाकिस्तान के अंदर घटने वाली हर घटना की जिम्मेदारी अफगानिस्तान पर नहीं डालनी चाहिए. पाकिस्तान के डेरा इस्माइल खान में 23 सुरक्षा कर्मियों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान की बीच राजनीतिक स्तर पर दबाव बनाने की रणनीति शुरू हो गई है. अफगानिस्तान ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि पाकिस्तान में होने वाली हर घटना की जिम्मेदारी उस पर नहीं थोपी जानी चाहिए. पाकिस्तान ने कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि अफगानिस्तान इस मामले में शामिल आरोपियों को सौंपने के अलावा भी बहुत कुछ करेगा.
पाकिस्तान में डेरा इस्माइल खान स्थित सुरक्षा चौकी पर आत्मघाती हमले के बाद पाकिस्तान ने अपने यहां मौजूद अफगानिस्तान के कार्यवाहक राजदूत को बुलाकर अपनी कड़ी नाराजगी जहर की थी और अपना एक मांग पत्र उसके द्वारा तालिबान अफगानिस्तान को दिया था, जिसमें कहा गया था कि वह इस मामले में शामिल आरोपियों को पकड़कर तत्काल उन्हें सौंपें। साथ ही अफगानिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के नेताओं को पड़कर पाकिस्तान को सौंप दे.
‘पाकिसतान में हर घटना की जिम्मेदारी हमारी नहीं’
इसके जवाब में अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान के अंदर होने वाली हर सुरक्षा घटना की जिम्मेदारी इतनी आसानी से अफगानिस्तान पर नहीं डाली जानी चाहिए. “पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा पर अधिक ध्यान देना चाहिए. जिस क्षेत्र में यह घटना (डेरा इस्माइल खान) हुई वह पाकिस्तान के अपने क्षेत्र से सैकड़ों किलोमीटर अंदर (अफगानिस्तान सीमा से दूर) है और वहां पाकिस्तान सुरक्षा बलों की बहुत मजबूत उपस्थिति है. इसे रोका जा सकता था. हम अपनी जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ करने की इजाजत नहीं देते. हम पाकिस्तान द्वारा हमारे राजदूत के साथ साझा किए गए अनुरोधों पर विचार कर रहे हैं. हमें इस घटना पर अफसोस है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
इसके जवाब में आज पाकिस्तान में विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि हम ने आतंकवाद को लेकर अफगानिस्तान को मांगों की एक सूची दी है. अफगानिस्तान ने कहा है कि वह जांच करेगा. हम उम्मीद करते हैं कि वे आतंकवाद में शामिल व्यक्तियों की जांच करने और उन्हें सौंपने से ज्यादा कुछ करेंगे. माना जा रहा है कि इस घटना को लेकर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच संबंध और बिगड़ सकते हैं और आने वाले दिनों में उसका प्रभाव दोनों देशों की सीमाओं पर देखने को मिल सकता है.