हत्या के दोषी की कहानी- 11 साल से जेल में, सुप्रीम कोर्ट ने सजा निलंबित की, जमानत भी मिली

सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के एक दोषी की सजा निलंबित कर उसे जमानत दे दी है. दोषी को निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और वह 11 साल से अधिक समय तक जेल में रहा. न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने आदेश दिया कि दोषी दिनेश उर्फ पॉल डेनियल खाजेकर को बंबई उच्च न्यायालय द्वारा अपील के अंतिम निस्तारण तक जमानत पर छोड़ा जाए.

दिनेश के वकील के अनुसार, उसे 29 अक्टूबर, 2011 को एक व्यक्ति की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और उस समय दिनेश 20 साल का था. वकील ने कहा कि इस समय वह 32 साल का है और उसकी अपील पिछले छह साल से उच्च न्यायालय में लंबित है. बंबई उच्च न्यायालय ने सात फरवरी के अपने आदेश में उसकी सजा निलंबित करने से मना कर दिया था, जिसके बाद उसने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया.

शीर्ष अदालत ने 25 सितंबर के आदेश में कहा, ‘‘दरअसल उच्च न्यायालय को दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 389 के तहत अपीलकर्ता को राहत देनी चाहिए थी.’’ न्यायालय ने कहा, ‘‘तदनुसार अपीलकर्ता (दिनेश) को उच्च न्यायालय के समक्ष दायर अपील के अंतिम निस्तारण तक जमानत पर छोड़ा जाएगा.’’

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