युद्धग्रस्त देश के पूर्वी हिस्से में सीरियाई सरकारी बलों पर इस्लामिक स्टेट समूह के जिहादियों के हमले में 33 सैनिक मारे गए हैं. कल खबर थी कि इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई है. जो अब बढ़कर 33 हो गई है. सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, गुरुवार शाम सेना की बस पर हुई गोलीबारी इस साल सरकारी बलों पर चरमपंथी समूह का सबसे घातक हमला था.
न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार साल 2019 में सीरिया में अपने क्षेत्र का आखिरी हिस्सा खोने के बावजूद, आईएस ने विशाल सीरियाई रेगिस्तान में ठिकाने बनाए रखे हैं, जहां से उसने घात लगाकर इस हमले को अंजाम दिया है. सीरिया के अंदर स्रोतों के व्यापक नेटवर्क पर निर्भर ब्रिटिश-आधारित निगरानी समूह के प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने कहा कि ‘सेना बस हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 33 सैनिकों तक पहुंच गई.’
ऑब्जर्वेटरी ने शुक्रवार को बताया कि देर अल-जोर प्रांत में मयादीन के पास रेगिस्तान में जिहादियों ने बस को घेर लिया और गोलीबारी की. जिहादियों के अमाक न्यूज एजेंसी के एक बयान के अनुसार आईएस ने शुक्रवार को हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उसके लड़ाकों ने ‘दो सैन्य बसों पर’ घात लगाकर हमला किया, उन्हें ‘भारी हथियारों और रॉकेट चालित हथगोले से’ निशाना बनाया और एक में आग लगा दी.
सीरियाई राज्य समाचार एजेंसी SANA ने सेना के एक सूत्र का हवाला देते हुए कहा कि इस ‘आतंकवादी हमले’ में कई सैन्य हताहत हुए हैं. अब्देल रहमान ने कहा कि आईएस ने ‘हाल ही में अपने घातक सैन्य हमलों को बढ़ा दिया है. ऐसा करके जिहादी यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि आईएस अपने नेताओं को निशाना बनाए जाने के बावजूद अभी भी सक्रिय और शक्तिशाली है.’