अमरोहा से लोकसभा सांसद और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता दानिश अली को “पार्टी विरोधी गतिविधियों” के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया है. बसपा अध्यक्ष मायावती ने सांसद दानिश अली को सस्पेंड किया है. बताया जा रहा है कि दानिश अली कुछ दिन पहले राहुल गांधी से मिले थे. पार्टी विरोधी और कांग्रेस से नजदिकियों की वजह से ही उनका सस्पेंड किया गया है.
पार्टी के बयान में कहा गया है कि अमरोहा के सांसद को कई बार चेतावनी दी गई है कि उन्हें ऐसा कार्य या बयान नहीं देना चाहिए जो पार्टी के नियमों, विचारधारा और नीतियों का पालन नहीं करता हो. इसमें कहा गया है, “हालांकि, सभी चेतावनियों के बावजूद, आप पार्टी के खिलाफ काम कर रहे हैं.”
बसपा ने अमरोहा से सांसद कुंवर दानिश अली को पार्टी से निकाल दिया है. उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निलंबित करने की चिट्ठी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने जारी की. चिट्ठी में कहा गया है कि बार-बार हिदायत देने के बावजूद दानिश अली पार्टी लाइन से इतर व्यवहार कर रहे थे. हाल के दिनों में वे दूसरे मुस्लिम लीडर हैं जिन्हें बसपा ने पार्टी से निकाला है. बता दें कि दानिश अली से पहले इमरान मसूद को मायावती ने पार्टी से निकाल दिया था. दोनों पश्चिमी यूपी के बड़े मुस्लिम चेहरे रहे हैं.
हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि दानिश अली बसपा छोड़ने ही वाले थे. उन्हें पता था कि बिना गठबंधन के वे बसपा के टिकट पर दोबारा जीत नहीं पाएंगे. बसपा ने अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान किया है. चर्चा गंभीर चल रही थी कि दानिश अली की कांग्रेस से नजदीकी बढ़ती जा रही थी. दो घटनाए इस ओर इशारा भी कर रही हैं. इमराम मसूद इस कहानी में एक और किरदार हैं.
गौरतलब है कि दानिश अली का लोकसभा का जब प्रकरण हुआ था तब 22 सितंबर को राहुल गांधी उनसे मिलने उनके घर गए थे. इसके दो हफ्ते बाद ही यानी 7 अक्टूबर को इमराम मसूद ने कांग्रेस जॉइन कर लिया. उन्हें बसपा ने 29 अगस्त को ही निकाल दिया था, लेकिन, डेढ़ महीने बाद भी वे किसी किनारे नहीं पहुंच पाए थे. दानिश अली के घर मीटिंग के बाद इमरान मसूद ने कांग्रेस जॉइन कर लिया. कहा जाता है कि वे कांग्रेस छोड़कर गए थे इसलिए उनकी वापसी में परेशानियां थीं, जिसे दानिश ने दूर किया.