सत्ता में आपकी अहमियत कुछ और होती ही ज्योंहि सत्ता से अलग होते हैं आपकी अहमियत खत्म हो जाती है. यह बात उस वक्त फिर सत्य साबित हुई जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेगूसराय के सिमरिया गंगा धाम पर करीब 115 करोड़ की लागत से पहले फेज का लोकार्पण करने सिमरिया गंगा घाट पहुंचे. लोकार्पण कार्यक्रम में बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह, बेगूसराय नगर विधायक कुंदन कुमार सिंह, बछवाड़ा विधायक सुरेंद्र मेहता तेघरा विधायक रामरतन सिंह सहित बेगूसराय के अन्य जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री नीतीश का पलकें बिछाए इंतजार कर रहे थे. लेकिन, सत्ता बदलते ही अहमियत कैसे बदल जाती है इसका उदाहरण यहीं पर देखने को मिला.
बेगूसराय के लिए पर्यटक क्षेत्र बने सिमरिया गंगा घाम की विकास का इंतजार बेगूसराय के लोगों को लंबे समय से था. वहीं लोकार्पण कार्यक्रम मे ज्योंहि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिमरिया गंगा धाम पहुंचे और लोकार्पण कर रहे थे, उसी समय वहां मौजूद स्थानीय विधायक रामरतन सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अपने क्षेत्र मे स्वागत के लिए पहुंचे. तेघरा विधायक रामरतन को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुरक्षा कर्मियों ने लोकार्पण स्थल से खींचकर बाहर कर दिया.आप वीडियो में देख सकते हैं कि किस कदर सुरक्षा कर्मी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से तेघरा विधायक को खींचकर बाहर ले जा रहे हैं. इस दौरान तेघरा विधायक राम रतन सिंह सुरक्षा कर्मियों से उलझते भी नजर आ रहे हैं. जाहिर है ये अपने आप मे सवाल खड़ा कर रहा है कि एक विधायक के साथ ऐसा सलूक वह भी सिर्फ इसलिए कि वह सत्ताधारी गठबंधन का नहीं है.
बता दें कि सिमरिया गंगा घाट पर 115 करोड़ की योजना के पहले फेज का शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकार्पण किया. इस मौके पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिंहा भी पहुंचे थे, जहां उन्होंने कहा कि सिमरिया में विकास नए आयाम एवं नए रोजगार का सृजन का संदेश बनेगा. आज डबल इंजन की सरकार में एक बार फिर सिमरिया ही नहीं पूरे सूबे का विकास हो रहा है. वहीं उन्होंने पत्रकारों के पूछे जाने पर तेजस्वी की यात्रा एवं विकास का क्रेडिट लेने की बात पर कहा की उनके परिवार को 15 वर्षों का समय दिया गया था, लेकिन उस वक्त उन्हें विकास नहीं दिख रहा था. आज जब सत्ता से बाहर हुए हैं तब लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं.