शरद-अजित पवार गुट को EC का नोटिस, पूछा- NCP किसकी? 17 अगस्‍त तक पेश करें दावा

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर नियंत्रण को लेकर शरद पवार और अजित पवार के बीच जारी जंग के बीच भारतीय चुनाव आयोग (EC) ने एनसीपी के दोनों गुटों को पार्टी पर दावा पेश करने को कहा है. सीएनएन-न्यूज18 के सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों को अपनी प्रतिक्रिया पेश करने के लिए 17 अगस्त तक का वक्‍त दिया गया है. एनसीपी के दोनों गुटों को एक ई-मेल भेजा गया है. इस मेल में उन्‍हें चुनाव आयोग के प्रतीक अधिनियम (Symbol Act) की धारा-15 के तहत दोनों पक्षों को जवाब पेश करने के लिए कहा गया है.

प्रतीक अधिनियम की धारा-15 किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के विभाजन की स्थिति में दोनों गुटों के संबंध में आयोग की शक्तियां प्रदान करता है. इससे पहले शरद पवार गुट ने गुरुवार को यह जानकारी दी थी कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार गुट द्वारा पार्टी के नाम और चिह्न को लेकर किए गए दावे पर निर्वाचन आयोग ने उनकी प्रतिक्रिया मांगी है. हालांकि अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था.

अजित पवार ने की है NCP में बगावत
अजित सरकार अपने चाचा शरद पवार की पार्टी से अलग हुए हैं. वो एनसीपी में बगावत करते हुए इसी महीने की शुरुआत में दो जुलाई को महाराष्ट्र की मौजूदा एकनाथ शिंदे सरकार में बतौर उपमुख्‍यमंत्री अपने गुट के विधायकों के साथ शामिल हुए हैं. उनके गुट के अन्‍य आठ विधायकों को भी महाराष्‍ट्र सरकार में मंत्रीपद दिया गया है.

EC के सामने ठोका पार्टी पर दावा
ईसी के नोटिस के मामले में प्रफुल्ल पटेल ने प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया था. नागपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्‍होंने कहा, ‘मैं अपनी पार्टी के अंदरुनी मामलों से संबंधित मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं. शरद पवार हमारे आदर्श बने रहेंगे और हम चाहते हैं कि वह (शरद पवार) हमारे द्वारा लिए गए राजनीतिक फैसले को स्वीकार करें. हम उन्हें मनाएंगे.’

उन्होंने यह भी कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ एक बहाना है. पटेल ने कहा, ”यह विपक्ष की कुंठा को दर्शाता है और वे जानते हैं कि लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास जो संख्या है, उसे देखते हुए अविश्वास प्रस्ताव का कोई मतलब नहीं है.’

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