विपक्ष के निशाने पर CM सिद्धारमैया के बेटे, कुमारस्वामी बोले- चला रहे ट्रांसफर पोस्टिंग का कारोबार

कर्नाटक में सरकार और विपक्ष के बीच तकरार थमने का नाम नहीं ले रहा है. दो दिन पहले ही पूर्व सीएम कुमारस्वामी पर बिजली चोरी का आरोप लगाया गया था. इस कारण वह सत्तापक्ष के निशाने पर थे. अब बाजी पलट गई है. एक वीडियो वायरल होने के बाद सीएम सिद्धारमैया के बेटे विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. सीएम सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वह फोन पर कुछ निर्देश जारी करते नजर आ रहे हैं. इसके बाद जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह बातचीत ‘सरकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण कारोबार’ से संबंधित थी. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य नेताओं ने कहा कि फोन पर हुई यह बातचीत कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कोष का उपयोग करके चार से पांच स्कूलों के विकास के संबंध में थी.

सिद्धारमैया ने कहा कि अगर कोई एक भी ऐसा उदाहरण सबूत के साथ पेश कर दे कि उन्होंने अधिकारियों का तबादला करके पैसा कमाया है तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे. वीडियो में पूर्व कांग्रेस विधायक यतींद्र को अपने पिता से किन्हीं विवेकानंद के बारे में बात करते सुना जा सकता है और वह किसी तरह के लेन-देन का जिक्र कर रहे हैं. कुमारस्वामी के मुताबिक, यतींद्र ने मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) नियुक्त किए गए आर. महादेव से बात की.

पूरे प्रकरण की जांच की मांग करते हुए, जद (एस) के प्रदेश अध्यक्ष ने जानना चाहा कि यतींद्र किस सूची के बारे में बात कर रहे थे और बातचीत में जिन विवेकानंद का जिक्र हुआ, वह कौन हैं. कुमारस्वामी ने सिद्धरमैया से सवाल किया, ‘आपने उन्हें (यतींद्र को) क्यों कॉल किया और वह कौन सी सूची है? उनकी (मुख्यमंत्री) क्या भूमिका है? क्या उनका काम अपने बेटे को फोन करना और उनसे पूछना है कि उन्हें (मुख्यमंत्री) क्या करना है?’

भाजपा ने भी मुख्यमंत्री और उनके बेटे यतींद्र पर हमला बोला. भाजपा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘‘यह ‘मुख्यमंत्री’ (यतींद्र) असली मुख्यमंत्री से अधिक शक्तिशाली हैं. पूर्व विधायक यतींद्र ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को आदेश दिया कि उन्हें केवल वही करना चाहिए जो ‘मैंने उन्हें दिया है’ और उससे अधिक नहीं.’’

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