विकास पहली और अंतिम प्राथमिकता : प्रधानमंत्री


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां कहा कि ऐतिहासिक ‘बोडो शांति समझौते’ पर हाल ही में हुए हस्ताक्षर के बाद विकास पहली और अंतिम प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने लोगों की आशाओं, आकांक्षाओं और उम्मीदों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करने का वादा किया और कहा कि असम के लोग उन पर विश्वास रखें। प्रधानमंत्री मोदी यहां हाल ही में हस्ताक्षरित तीसरे बोडो शांति समझौते के एक उत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले के दो समझौते शांति कायम नहीं कर सके थे।

गुवाहाटी से लगभग 216 किलोमीटर दूर जंगकृताई फवाटार स्थित रैली स्थल पर जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “1993 और 2003 में हुए शांति समझौतों के बाद भी चिर शांति नहीं मिल पाई थी। अब केंद्र, राज्य और सभी बोडो समूह इस ऐतिहासिक समझौते के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसलिए अब विकास हमारी पहली और अंतिम प्राथमिकता है।”

उत्साहपूर्ण भीड़ से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह उनके ही व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा, “मित्रो मुझ पर विश्वास रखें। मैं आपका ही आदमी हूं। आपके दर्द और पीड़ा को दूर करने के लिए, आपकी आशाओं, आकांक्षाओं व अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए और आपके बच्चों को एक सुनहरा भविष्य देने के लिए जो कुछ भी कर सकता हूं, वो करने में मैं देरी नहीं करूंगा।”

वायुसेना का हेलीकॉप्टर गुवाहाटी से प्रधानमंत्री मोदी को लेकर यहां बनाए गए हेलीपैड पर अपराह्न् करीब 12.45 बजे उतरा। यहां उनका स्वागत हजारों बोडो लड़कियों ने पारंपरिक ‘बागुरुंबा’ नृत्य कर के किया।

राज्य सरकार ने इसके पहले कहा कि वह चार बोडोलैंड टेरीटोरल एरिया डिस्ट्रिक्ट (बीटीएडी)- कोकराझार, उदलगुड़ी, चिरांग और बक्सा और अन्य क्षेत्रों से लगभग चार-पांच लाख लोगों के यहां आने की उम्मीद कर रही है।

कोकराझार में मोदी की यात्रा के मद्देनजर लोग बैनर और बड़े होर्डिग्स के साथ आए, जिन पर शांति समझौते के लिए ‘धन्यवाद’ लिखा हुआ था।

त्योहार की तरह जश्न मनाने के लिए गुरुवार रात 70 हजार मिट्टी के दीप जलाए गए। इसकी तस्वीरों और दृश्यों को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से शेयर किया था। मोदी ने इस बाबत ट्वीट कर इसे असम का नया सवेरा करार दिया था।

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