मुझे वहां नहीं पहुंचना जहां लगे, मुकाम मिल गया : नित्या मेनन


अभिनेत्री नित्या मेनन ने अपने अब तक के फिल्मी करियर में मलयालम, तमिल, कन्नड़ और तेलुगू भाषा में कई हिट फिल्में दी हैं। उन्होंने इसी साल रिलीज हुई हिंदी फिल्म ‘मिशन मंगल’ से बॉलीवुड में भी शुरुआत की है।

नित्या का कहना है कि एक कलाकार के तौर पर वह हमेशा यह महसूस करती हैं कि वह नई हैं और ऐसी जगह नहीं पहुंचना चाहती हैं, जहां उन्हें लगे कि उन्होंने इंडस्ट्री में अपना मुकाम हासिल कर लिया है।

उन्हें ‘मेर्सल’, ’24’, ‘ओ कधल कणमणि’, ‘मल्ली मल्ली ईदी रानी रोजु’ और ‘गुंडे जारी गल्लनथाययिंदे’ जैसी कई सारी फिल्मों के लिए या तो नामांकित किया गया है या पुरस्कार दिया गया है। अभी तक उन्हें प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया गया है और उन्हें इसका कोई पछतावा भी नहीं है।

नित्या ने आईएएनएस को बताया, “मुझे लगता है कि यह चीजों को और रोमांचक बनाता है। एक कलाकार के तौर पर मैं हमेशा महसूस करती हूं कि मैं आज भी नई हूं। मुझे नहीं लगता कि कभी ऐसे स्थान पर पहुंचना चाहिए जहां मुझे लगे कि मैं मुकाम पर पहुंच गई हूं और अब सब कुछ मेरे लिए संपन्न हो गया है।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं चाहती हूं कि यह (राष्ट्रीय पुरस्कार) वाकई किसी बहुत अच्छी फिल्म के लिए मिले। जब राष्ट्रीय पुरस्कार की बात आती है तो शायद फिल्म की शैली या इस तरह की चीजें बहुत मायने रखती हैं। अभी तक राष्ट्रीय पुरस्कार नहीं मिलने का कोई पछतावा नहीं है, क्योंकि मुझे नहीं लगता कि मेरा करियर अब खत्म हो गया है और मुझे इसकी चिंता होनी चाहिए।”

नित्या नई-नई चीजों को करने की कोशिश कर रही हैं। इस साल उन्होंने दक्षिण भारतीय फिल्मों के दायरे से निकलकर मल्टी स्टारर फिल्म ‘मिशन मंगल’ से बॉलीवुड में कदम रखा और उनकी यह डेब्यू फिल्म हिट रही।

अभिनय के अलावा, उन्होंने इस साल हॉलीवुड की एनिमेटेड फिल्म ‘फ्रोजन 2’ के तेलुगू संस्करण में अपनी आवाज भी दी।

उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए एक अच्छा अनुभव रहा। मुझे इसमें मजा आया। सामान्यत: डबिंग एक ऐसी चीज हैं जिसकी मैं कभी ज्यादा शौकीन नहीं रही हूं, मुझे यह थोड़ा लगता है, तो मैं इसे लेकर चिंतित थी कि सबकुछ कैसे होगा, लेकिन आखिरकार मुझे मजा आया।”

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