मणिपुर (Manipur Violence) में भड़की हिंसा और बवाल अभी थमता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में अब वहां पर एन बीरेन सिंह सरकार (N Biren Government) पर सियासी संकट और गहराने लगा है. इस बीच सोमवार को मणिपुर के एक प्रभावशाली आदिवासी समूह के प्रतिनिधि हिंसाग्रस्त राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा करने को लेकर नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से मुलाकात कर रहे हैं. इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री शाह और आदिवासी समूह के प्रतिनिधियों के बीच अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
सूत्रों ने बताया कि मणिपुर में जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व कर रहे ‘इंडीजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (ITLF) का प्रतिनिधिमंडल शाह के निमंत्रण पर राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा कर रहा है. आईटीएलएफ नेता मणिपुर के चुराचांदपुर से मिजोरम की राजधानी आइजोल पहुंचे, जहां वे लेंगपुई हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे.
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर जारी एक पोस्ट में उम्मीद जताई कि वार्ता के सार्थक परिणाम निकलेंगे. उन्होंने कहा कि आईटीएलएफ नेताओं ने शनिवार को दिनभर आपस में चर्चा की और उनसे सलाह-मशविरा किया कि निमंत्रण स्वीकार किया जाए या नहीं.
जोरामथांगा ने कहा कि मैंने सुझाव दिया कि उन्हें निमंत्रण स्वीकार करना चाहिए. मैंने उनसे कहा कि यह गृहमंत्री के साथ आमने-सामने बैठकर चर्चा करने का अच्छा अवसर है. इसके बाद आईटीएलएफ नेता सर्वसम्मति से शाह से मुलाकात करने के लिए राजी हो गए. शाह ने आईटीएलएफ नेताओं को मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में अपने साथ बैठक करने का निमंत्रण दिया था.
अभी इस संबंध में आईटीएलएफ नेताओं की कोई टिप्पणी नहीं आई है. मणिपुर में मई की शुरुआत में कुकी और मेइती समुदायों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.