प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के आरोपों पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को कहा, ‘अगर कोई हमें कोई जानकारी देता है, तो हम निश्चित रूप से उस पर गौर करेंगे. अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी अच्छा या बुरा किया है तो हम उस पर गौर करने के लिए तैयार हैं. हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है.’ वहीं कनाडा मामले पर दो टूक में जवाब देते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में हिंसा का खेल हो रहा है.
खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश के अमेरिका के आरोपों पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘भारत विदेश में स्थित कुछ चरमपंथी समूहों की गतिविधियों के बारे में गहराई से चिंतित था.’ फाइनेंशियल टाइम्स के साथ एक स्पेशल इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में ये तत्व डराने-धमकाने और हिंसा भड़काने में लगे हुए हैं.’ हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि आरोपों से कनाडा की तरह डिप्लोमेसी भड़क उठेगी.
बता दें कि भारत ने लगातार दुनिया का ध्यान चरमपंथी समूहों की ओर आकर्षित करने की कोशिश की है, जिससे पश्चिमी शक्तियां काफी नाराज हैं. ताजा मामला कनाडा का है, जहां कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में संभावित भारतीय एजेंट की भागीदारी का जिक्र किया था. इसके बाद से भारत-कनाडा के बीच तल्खियां बढ़ने लगीं. भारत ने साल 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘इस रिश्ते को मजबूत करने के लिए मजबूत द्विदलीय समर्थन है, जो एक परिपक्व और स्थिर साझेदारी का स्पष्ट संकेतक है. सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग हमारी साझेदारी का एक प्रमुख घटक रहा है.’ उन्होंने भारत-कनाडा के राजनयिक संबंध पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि कुछ घटनाओं को दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों से जोड़ना उचित है.”