व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करने वाले इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के प्रेसिडेंट पियोत्र हॉफमांस्की को रूस ने अपनी मोस्ट वांटेड की लिस्ट में डाल दिया है. रूस के आंतरिक मंत्रालय के डेटाबेस में अपलोड किए गए एक नोटिस में कहा गया है कि हॉफमांस्की पियोत्र जोजेफ को रूसी संघ के क्रिमिनल कोड के तहत वांटेड की सूची में डाला गया है. हॉफमांस्की के खिलाफ आरोपों का विवरण मंत्रालय द्वारा साझा नहीं किया गया.
नीदरलैंड के हेग में स्थित ICC मुख्यालय में इसी साल मार्च में हुई सुनवाई के बाद अदालत द्वारा यूक्रेनी बच्चों को गैरकानूनी तरीके से निर्वासित करने के युद्ध अपराध के आरोप में पुतिन के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस द्वारा इसी तरह के आरोप में रूस के बच्चों के अधिकारों की आयुक्त मारिया लावोवा-बेलोवा के खिलाफ एक वारंट जारी किया गया था.
रूस के पास नहीं है ICC की सदस्यता
रूस के पास आईसीसी की सदस्यता नहीं है. वो कई मौकों पर यह कहता रहा है कि पुतिन के खिलाफ जारी किए गए वारंट के कोई मायने नहीं हैं. आईसीसी ने सितंबर में यूक्रेन में एक फील्ड कार्यालय खोला था ताकि वह पश्चिमी समर्थित देश में मॉस्को के हमले के लिए रूसी सेना को जवाबदेह ठहरा सके. रूस ने यूक्रेन में नागरिकों को निशाना बनाने और उनपर अत्याचार करने के आरोपों से इनकार किया था. आईसीसी की सुनवाई में रूस को आरोपों का जवाब देने का मौका दिया गया. इस दौरान कोई रूसी प्रतिनिधि इसमें शामिल नहीं हुआ.
ब्राजील में नहीं होगी पुतिन की गिरफ्तारी
रूस के राष्ट्रपति यूक्रेन युद्ध के बाद से अपने देश से बाहर नहीं गए हैं. वो जी20 और बिक्स जैसे शिखर सम्मेलन का हिस्सा बनने भी खुद नहीं पहुंचे. रूस की सुरक्षा एजेंसी इस बात की आशंका जता चुकी हैं कि विदेश यात्रा के दौरान अगर रास्ते में राष्ट्रपति का विमान किसी अन्य देश में आपात लैंडिंग करता है तो उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. अगले साल ब्राजील में जी20 की बैठक होनी हैं. ब्राजील के राष्ट्रपति की तरफ से हाल ही में कहा गया कि पुतिन अगर जी20 बैठक में हिस्सा लेने उनके देश आते हैं, तो उनकी गिरफ्तारी नहीं की जाएगी.