राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार एक अगस्त को पुणे में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करेंगे. इतना ही नहीं वो प्रधानमंत्री को पुरस्कृत करेंगे. पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक अवार्ड दिया जाएगा. इसे लेकर I.N.D.I.A गठबंधन के अंदर बेचैनी भी बढ़ गई है. 26 विपक्षी दलों के द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बनाए गए गठबंधन के साथी शरद पवार से यह अनुरोध कर रहे हैं कि वो प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा ना करें. शिव सेवा की तरफ से इसे लेकर सबसे पहले विरोध दर्ज किया गया है. उनका कहना है कि शरद पवार को ऐसा करने से बचना चाहिए.
रिपोर्ट्स की मानें तो शरद पवार को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने से दूर रहने के लिए मनाने के मकसद से विपक्षी दलों का एक डेलिगेशन उनसे मिलने वाला है. कांग्रेस, शिव सेना और आम आदमी पार्टी के सदस्य शरद पवार को मनाने के लिए जाएंगे. इस प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व समाजवादी नेता बाबा अधव करेंगे. केवल विपक्षी दल ही नहीं बल्कि एनसीपी के अंदर खाने से भी शरद पवार के पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने के कार्यक्रम का विरोध किया जा रहा है. एनसीपी की राज्यसभा सांसद वंदना चव्हाण ने भी इसपर आपत्ति जताई है.
एनसीपी सांसद ने भी जताई आपत्ति
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से, मैं अपने पार्टी प्रमुख के पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने के खिलाफ हूं, जिन्होंने हमारी पार्टी को तोड़ा है और हम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. मैंने पवार साहब से इस कार्यक्रम से दूर रहने का आग्रह किया. हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्होंने ही पीएम को इस समारोह में आमंत्रित किया है. उन्होंने तिलक ट्रस्ट के सदस्यों के समझाने के बाद ऐसा किया.”
एनसीपी को तोड़ने का आरोप
शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने भी पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने के एनसीपी के फैसले पर आपत्ति जताई. बता दें कि शरद पवार के भतीजे अजित पवार एनसीपी में बगावत कर चुके हैं. वो अपने सहयोगियों के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सत्ताधारी एकनाथ शिंदे सरकार में बतौर उपमुख्यमंत्री शामिल हो गए हैं. फिलहाल पार्टी पर अधिकार का मामला चुनाव आयोग में चल रहा है. कांग्रेस, शिव सेना सहित अन्य विपक्षी दल बीजेपी पर एनसीपी को तोड़ने का आरोप लगा चुके हैं.