पाकिस्तानी PM पर नया संकट, शहबाज शरीफ को अयोग्य घोषित करने के लिए याचिका दाखिल

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक नए संकट में घिरते दिख रहे हैं. उनके खिलाफ एक अदालत में याचिका दाखिल की गई है, जिसमें उन्हें अपने भाई नवाज शरीफ के ब्रिटेन में इलाज कराने के बाद वापस लौटने के बारे में अदालत से झूठा वादा करने के लिए अयोग्य करार देने का अनुरोध किया गया है. लाहौर उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी और कहा कि यह याचिका तब दायर की जानी चाहिए थी, जब शहबाज शरीफ पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान अपना वादा पूरा करने में विफल रहे थे.

सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के शीर्ष नेता और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज शरीफ नवंबर 2019 से ब्रिटेन में स्व-निर्वासन में रह रहे हैं. याचिकाकर्ता अजहर अब्बास ने दलील दी कि शहबाज शरीफ ने नवंबर 2019 में लाहौर उच्च न्यायालय की दो-सदस्यीय पीठ के समक्ष ‘झूठा हलफनामा’ दायर किया था कि अगर उन्हें (नवाज शरीफ को) इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति दी जाती है तो वह चार सप्ताह के अंदर अपने बड़े भाई की वापसी सुनिश्चित करेंगे.

याचिकाकर्ता ने कहा कि लाहौर उच्च न्यायालय ने शहबाज शरीफ के हलफनामे को स्वीकार कर लिया था और नवाज शरीफ (73) को इलाज के सिलसिले में चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि नवाज शरीफ नवंबर 2019 से यूरोप और खाड़ी देशों की यात्रा कर रहे हैं, लेकिन शहबाज शरीफ के हलफनामे के अनुसार पाकिस्तान नहीं लौट रहे. इसके अलावा, ऐसा प्रतीत होता है कि नवाज शरीफ ने अदालत से राहत पाने के लिए अपनी बीमारी का बहाना बनाया था.

याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई कि 71-वर्षीय शहबाज शरीफ को संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के प्रावधानों के तहत अयोग्य ठहराया जाना चाहिए. सहायक अटॉर्नी जनरल शिराज जाका ने रिट याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले में पीड़ित व्यक्ति नहीं है.

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को उस समय की संघीय सरकार (इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की सरकार) ने विदेश जाने की अनुमति दी थी. उन्होंने तर्क दिया कि यदि याचिकाकर्ता को लगता है कि कोई अपराध हुआ है तो उसके पास उचित मंच पर जाने का विकल्प है. उन्होंने अदालत से कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए.

इसके बाद लाहौर उच्च न्यायालय ने सुनवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी. तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ लाहौर की कोट लखपत जेल में सात साल की जेल की सजा काट रहे थे. नवंबर 2019 में लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी.

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *