पाकिस्तान की राजनीति लेगी करवट! स्वदेश लौट रहे नवाज शरीफ ने मांगी संरक्षण जमानत

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ चार साल बाद स्वदेश लौटने वाले हैं. इससे वहां की राजनीति एक बार फिर करवट लेती दिख रही है. शरीफ की शनिवार को स्वदेश वापसी से पहले उनके वकीलों ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में संरक्षण जमानत याचिका दायर कर अधिकारियों को उनके यहां पहुंचने पर गिरफ्तार करने से रोकने का अनुरोध किया है.

शरीफ (73) को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में दोषी ठहराया गया था और तोशाखाना वाहन मामले में भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था. तोशाखाना मामला इस्लामाबाद में एक जवाबदेही अदालत के समक्ष लंबित है. नवाज जब 2019 में इलाज के लिए ब्रिटेन गये थे तो इन मामलों में जमानत पर थे. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) अध्यक्ष ब्रिटेन में अपने चार साल के स्व-निर्वासन को समाप्त करते हुए 21 अक्टूबर को पाकिस्तान लौटने वाले हैं.

याचिका के अनुसार नवाज ने अदालत में आत्मसमर्पण करने से पहले संरक्षण जमानत का अनुरोध किया है. याचिका में अनुरोध किया गया है कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय अधिकारियों को नवाज को हवाईअड्डे पर गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे ताकि वह अदालत में आत्मसमर्पण कर सकें. इसमें कहा गया है कि नवाज स्वास्थ्य कारणों से समय पर नहीं लौट सके और कोविड-19 महामारी के कारण सेहत संबंधी समस्या और बढ़ गयी थी.

याचिका में कहा गया है कि नवाज पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं, लेकिन जब देश अर्थव्यवस्था और अन्य मोर्चों पर अब तक के सबसे बुरे संकट के दौर से गुजर रहा है तो वह देश लौट रहे हैं. अदालत से न्याय के हित में शरीफ को संरक्षण जमानत देने की गुहार लगाई गयी है. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय अगले दो दिन में याचिका पर सुनवाई कर सकता है.

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