पाकिस्तान की डूबती नैया को मिला IMF का सहारा, शहबाज सरकार को मिलेंगे 246 अरब रुपए

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बोर्ड ने बुधवार को पाकिस्तान के लिए 3 बिलियन डॉलर (भारतीय रुपए में करीब 246 अरब) के बेलआउट कार्यक्रम को मंजूरी दे दी. इसके साथ ही एजेंसी ने कहा कि वह दक्षिण एशियाई देश की मदद के लिए तुरंत लगभग 1.2 बिलियन डॉलर का वितरण करेगा. पाकिस्तान और आईएमएफ पिछले महीने एक कर्मचारी स्तर के समझौते पर पहुंचे थे, जिससे नकदी की कमी वाले देश के लिए बहुत जरूरी फंडिंग हासिल हुई है.

धन की पहली किश्त वितरित करने से पहले बोर्ड की मंजूरी की आवश्यकता थी, बाकी रकम बाद में किश्तों में आनी थी. आईएमएफ ने एक बयान में कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी बोर्ड ने अधिकारियों का समर्थन करने के मकसद से पाकिस्तान के आर्थिक स्थिरीकरण कार्यक्रम के लिए एसडीआर 2,250 मिलियन (लगभग 3 अरब डॉलर, या कोटा का 111 प्रतिशत) की राशि के लिए 9 महीने की स्टैंड-बाय एग्रीमेंट (एसबीए) को मंजूरी दे दी है.’

इसमें कहा गया है कि यह व्यवस्था ऐसे समय में की गई है, जबकि पाकिस्तान एक चुनौतीपूर्ण आर्थिक मोड़ पर खड़ा है. एक कठिन बाहरी वातावरण, विनाशकारी बाढ़ और नीतिगत गलत कदमों के कारण देश बड़े राजकोषीय और बाहरी घाटे, मुद्रास्फीति में वृद्धि और वित्त वर्ष 2013 में आरक्षित राशि में कमी से जूझ रहा है.

यह खबर पाकिस्तान की डूबती अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी राहत लेकर आई है क्योंकि कई लोगों का मानना था कि 6.5 अरब डॉलर के आईएमएफ के मौजूदा राहत कार्यक्रम को फिर से बहाल करने की संभावना बहुत कम रह गई थी. यह समझौता 30 जून को खत्म हो गया था. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 6.5 अरब डॉलर के पैकेज में 2.6 अरब डॉलर का भुगतान अभी तक नहीं किया है. आईएमएफ ने कुछ शर्तों को पूरा करने पर पाकिस्तान को छह अरब डॉलर का कर्ज देने के लिए 2019 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले महीने उम्मीद जताई थी कि देश रुके हुए राहत पैकेज को हासिल करने के लिए आईएमएफ के साथ एक कर्मचारी-स्तरीय समझौते पर हस्ताक्षर कर सकता है. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान ने वैश्विक ऋणदाता के साथ समझौते के लिए जरूरी सभी शर्तों को पूरा कर लिया है.

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