दिल्ली हिंसा : लुटती रहीं दुकानें, बेबस देखती रही पुलिस, हॉस्पिटल भी तोड़ा


उत्तरी-पूर्वी दिल्ली मंगलवार को भी भी हिंसा की चपेट में रही। जाफराबाद से मौजपुर, बाबरपुर तक दुकानें लूटी और जलाई गईं। पत्थरबाजी के साथ गोलियां भी चलीं।

उपद्रवी हजारों की संख्या में घातक हथियारों केसाथ अचानक सड़कों पर उतर जाते तो सौ-पचास की संख्या में मौजूद पुलिस बेबस हो उठती। पुलिस तभी उग्र भीड़ को खदेड़ना का साहस कर पाती, जब अर्धसैनिक बलों के जवान मौके पर बसों से पहुंचते। कुछ ऐसा ही हाल सीलमपुर से लेकर बाबरपुर और गोकुलपुरी की तरफ जाने वाली सड़क पर देखने को मिला।

जाफराबाद, मौजपुर आदि इलाकों में आगजनी की कई घटनाओं के कारण दमकल वाहनों का बार-बार आना-जाना लगा रहा। मौजपुर के विजयपार्क स्थित संजीवनी हॉस्पिटल को उग्र भीड़ ने निशाना बनाया। हॉस्पिटल के शीशे तोड़ दिए। बगल शगुन स्वीट होम का गेट तोड़कर उपद्रवी घुस गए। यहां जूते-चप्पल की दुकान भी लूट ली गई।

पुलिस लाठियां लेकर दौड़ाती तो लोग अंदर गलियों में घुस जाते और फिर पुलिस के जाते ही सड़कों पर डंडे लेकर खौफ पैदा करते। देखने में आया कि सीलमपुर से लेकर मौजपुर तक अपेक्षित पुलिस बल की भी तैनाती नहीं रही।

उपद्रवियों के दुस्साहस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने सीलमपुर के थाना प्रभारी की गाड़ी पर भी लाठी और पत्थर से हमला बोल दिया। गाड़ी के शीशे चकनाचूर हो गए, और ड्राइवर को चोट आई।

पुलिसवालों ने आईएएनएस को बताया कि बीते मंगलवार को तो उग्र भीड़ ने सीलमपुर थाने को भी आग लगाने की कोशिश की थी। संयोग अच्छा था कि जवानों की संख्या ज्यादा थी, जिससे उन्हें खदेड़ दिया गया था।

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