
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार को कहा कि सरकार और तालिबान के बीच बातचीत होनी चाहिए और शांति वार्ता के लिए यह सही समय है। उन्होंने कहा कि शांति वार्ता समावेशी होनी चाहिए।
यहां पांचवे वार्षिक यूरोपीय भ्रष्टाचार रोधी सम्मेलन को संबोधित करते हुए गनी ने कहा, परिस्थितियों ने शांति वार्ता का सही अवसर मुहैया कराया है और इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यदि इस अवसर से चूक गए तो यह एक विशाल बोझा हो जाएगा।
टोलो न्यूज के अनुसार, उन्होंने कहा, शांति हर हाल में समावेशी होना चाहिए और इसमें सभी पक्षों को शामिल किया जाना चाहिए। पीछे हटना देश के लिए स्वीकार्य नहीं है और हम सिर्फ आगे बढ़ेंगे।
राष्ट्रपति ने सुरक्षा, सुरक्षा बलों की मौतों को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि इससे जाहिर होता है कि युद्ध की कीमत बहुत भारी है, इसलिए सरकार और तालिबान के बीच वार्ता होनी चाहिए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि पिछले 24 घंटों में 70 से अधिक लड़ाके, जिनमें ज्यादातर तालिबान आतंकी थे, देश में मुठभेड़ों में मारे गए।
गनी ने कहा, हमें यह जानना आवश्यक है कि युद्ध की कीमत बिल्कुल स्पष्ट है..सरकार और तालिबान के बीच बातचीत होनी चाहिए, क्योंकि हम (युद्ध के) दो पक्ष हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में युद्ध के पक्ष जटिल हैं, लेकिन वैश्विक अनुभव का इस्तेमाल जरूरी है।
गनी ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव समय पर होगा और उन्होंने अपने हाल के इस्लामाबाद दौरे का जिक्र करते हुए कहा, हमने पाकिस्तान के साथ अपने सबंधों का एक नया अध्याय शुरू किया है।