पाकिस्तान को नया बेलआउट पैकेज दिया जाना चाहिए या नहीं इसकी समीक्षा के लिए आईएमएफ की टीम वहां पहुंच गई है. पाकिस्तान अभी कैश की तंगी से जूझ रहा है. उसे अगर बेलआउट पैकेज नहीं मिलता है तो उसकी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ढह सकती है. आईएमएफ के मिशन प्रमुख नेथन पोर्टर ने पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब से इस समझौते के संबंध में बातचीत की शुरुआत की. इसके इतर एक टीम भी पाकिस्तान पहुंच गई है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने टीम का स्वागत किया और स्टैंड बाय एग्रीमेंट की सफलता के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया.
दरअसल, पिछले महीने पाकिस्तान को आईएमएफ से 3 अरब डॉलर का एक शॉर्ट टर्म लोन पूरा किया था. इसकी वजह से कंपनी किसी भी तरह के डिफॉल्ट से बच गई थी. औरंगजेब ने आईएमएफ की टीम को बताया कि कैसे इस शॉर्ट टर्म प्रोग्राम की मदद से देश के मैक्रोइकोनॉमिक इंडिकेटर्स को बेहतर करने में मदद मिली.
कितने का होगा पैकेज?
खबरों के अनुसार, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि अगले पैकेज का ड्यूरेशन, इंस्ट्रूमेंट और साइज (कितनी रकम) क्या होगा. इस पर अभी चर्चा होनी है. उधर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने पीओके के लिए जो 23 अरब रुपये की सब्सिडी की घोषणा की थी जिसकी वजह से उसकी साख आईएमएफ की नजर में गिर गई है. मीटिंग के दौरान नेथन पोर्टर ने टैक्स कलेक्शन में गिरावट को लेकर भी चिंता जताई. साथ ही उन्होंने केंद्र और प्रांतीय स्तर पर टैक्स कलेक्शन में गड़बड़ी का मुद्दा भी उठाया.