डीयू, आईआईटी-मद्रास, खड़गपुर को विशिष्ट संस्थान का दर्जा देने की सिफारिश


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शुक्रवार को मद्रास और खड़गपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को विशिष्ट संस्थान (आईओई) का दर्जा देने की सिफारिश की।

इसके अलावा, हैदराबाद विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को भी आईओई का दर्जा देने की सिफारिश की गई है।

आईओई की सूची में आईआईटी-बंबई, आईआईटी-दिल्ली और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) शामिल हैं, जो क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग के शीर्ष 200 संस्थानों में शामिल हैं।

यूजीसी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) से सरकारी विश्वविद्यालयों के अलावा कई निजी विश्वविद्यालयों को भी आईओई का टैग देने की सिफारिश की है, जिनमें शिव नादर विश्वविद्यालय (उत्तर प्रदेश), ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (हरियाणा), जामिया हमदर्द (नई दिल्ली), वीआईटी (वेल्लोर), अमृता विश्व विद्यापीठम (बेंगलुरू), कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलोजी (भुवनेश्वर) और सत्य भारती फाउंडेशन शामिल हैं।

जिन विश्वविद्यालयों को यह टैग देने से इनकार किया गया है, उनमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अशोका यूनिवर्सिटी, तेजपुर विश्वविद्यालय, केआरईए यूनिवर्सिटी, जादवपुर विश्वविद्यालय, अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमैन सेट्टलमेंट्स, बेंगलुरू और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, गांधीनगर शामिल हैं।

यूजीसी की परिषद की बैठक में शुक्रवार को इस पर फैसला किया गया।

दिलचस्प बात यह है कि सरकार द्वारा नियुक्त एन. गोपालास्वामी की अध्यक्षता वाली अधिकार प्राप्त विशेषज्ञों की समिति (ईईसी) ने 30 संस्थानों को यह टैग प्रदान करने की सिफारिश की थी, लेकिन यूजीसी की इस सूची में 20 विश्वविद्यालय हैं।

यूजीसी ने कहा कि योजना के अनुसार, सिर्फ 20 संस्थानों को ही यह टैग प्रदान किया जा सकता है।

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