देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में शामिल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर से उबल पड़ा है। हिंसा और मारपीट की वजह से एक बार फिर से जेएवयू सूर्खियों में छाया हुआ है। रविवार 5 जनवरी की सुबह को जेएनयू कैंपस में आम दिन की तरह था, लेकिन शाम होते-होते दृश्य पूरी तरह से बदल गया। जेएवयू कैंपस में भारी हिंसा और बवाल शुरू हो गया। मारपीट, तोड़फोड़, हंगामा शुरू हो गया। नकाबपोश हमलावरों ने जेएनयू कैंपस में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर हमला बोला। कई छात्र और प्रोफेसर गंभीर रूप से घायल हो गए। छात्रों में तेज हथियारों और डंडों से हमला किया गया।
जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) ने दावा किया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने हिंसा को अंजाम दिया है। वहीं एबीवीपी ने लेफ्ट विंग पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच घायलों को एम्स के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। सियासी बयानबाजी और नेताओं के आने-जाने का दौर भी शुरू हो गया।ष इन सबके बीच एक नजर डालें कि इस विवाद की शुरुआत कहां से हुई।
जेएनयू में फीस बढ़ोतरी को लेकर लंबे समय से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। शनिवार को भी जेएनयू छात्र संघ ने सर्वर रूम को लॉक कर दिया था। इसे लेकर एबीवीपी और लेफ्ट विंग के सदस्यों के बीच झड़प हुई। रविवार को जेएनयू छात्र संघ की ओर से साबरमती हॉस्टल से मार्च निकाला जाना था। इसी के बीच हिंसा भड़क गई। एबीवीपी के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा कि लेफ्ट विंग के छात्रों ने एबीवीपी के छात्रों के साथ मारपीट की । रविवार को रजिस्ट्रेशन के आखिरी दिन एबीवीपी के छात्र रजिस्ट्रेशन के लिए गए थे, लेकिन इंटरनेट बंद होने के चलते चलते उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है। जिसे लेकर वो कैंपस में विवेकानंद मूर्ति के पास रजिस्ट्रेशन की मांग कर रहे थे, जहां लेफ्ट विंग के छात्रों ने हमला बोला और एबीवीपी के छात्रों के साथ मारपीट की। उन्होंने कहा कि एबीवीपी के 11 छात्र लापता है। उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई।
वहीं जेएनयू छात्रसंघ का कहना है कि ABVP के सदस्यों ने छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष के साथ-साथ कई छात्रों को पीटा। जेएनयूएसयू ने आरोप लगाया कि एबीवीपी ते छात्रों ने हॉस्टल के भीतर घुसकर छात्रों को डंडे और हथियारों से मारा, पथराव की ओर वहां तोड़फोड़ मचाई